वैज्ञानिकों की रहस्यमय मौत को लेकर याचिका दायर, अब कोर्ट में हाजिर होंगे परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारी

वैज्ञानिकों की रहस्यमय मौत को लेकर याचिका दायर, अब कोर्ट में हाजिर होंगे परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारी

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-24 12:31 GMT
वैज्ञानिकों की रहस्यमय मौत को लेकर याचिका दायर, अब कोर्ट में हाजिर होंगे परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारी

डिजिटल डेस्क,मुंबई। केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि परमाणु ऊर्जा विभाग के  विशेषज्ञ अधिकारी आगामी दस दिसंबर को अदालत में उपस्थित होकर वैज्ञानिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे। हाईकोर्ट में वैज्ञानिकों की रहस्यमय तरीके से हुई मौत को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता चेतन कोठारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है।

वैज्ञानिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर
याचिका में दावा किया गया है कि एक अलग तरह के माहौल में काम करने वाले परमाणु वैज्ञानिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से गभीरता नहीं दिखाई जा रही है। याचिका में कहा गया है कि पिछले 15 सालों में सैकड़ों वैज्ञानिकों की रहस्यमय तरीके से मौत हुई है। पुलिस ने कुछ मामलों में वैज्ञानिकों की मौत को आत्महत्या बताया है तो कुछ प्रकरणों में वैज्ञानिकों की मौत को लेकर किसी कारण का खुलासा नहीं किया गया। कई वैज्ञानिकों की मौत कैंसर के चलते हुई है तो कईयों की मौत दूसरी गंभीर बीमारियों के कारण हुई है। वैज्ञानिकों की सुरक्षा को लेकर यह रुख ठीक नहीं है। याचिका में मांग की गई है कि वैज्ञानिकों को कार्य के दौरान सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम किए जाएं।

10 दिसंबर को होगी सुनवाई
उनके स्वास्थ्य सेवा को लेकर बेहतर योजनाएं बनाई जाए।  शनिवार को मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील अशीष मेहता ने कहा कि सरकार ने वैज्ञानिकों के साथ होने वाले हादसों को लेकर क्या कदम उठाए इसकी कोई जानकारी अदालत में नहीं पेश की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता देश के परमाणु नीति व योजना के खिलाफ नहीं है। याचिका का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों का कल्याण व सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस पर एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि सरकार ने वैज्ञानिकों की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं ।लेकिन इस मामले में परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी अदालत को देना चाहते हैं। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 10 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। 

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