महाराष्ट्र में 490 तक पहुंची कोरोना मरीजों की संख्या, 26 की मौत, 67 नए मरीज मिले

महाराष्ट्र में 490 तक पहुंची कोरोना मरीजों की संख्या, 26 की मौत, 67 नए मरीज मिले

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-03 16:21 GMT
महाराष्ट्र में 490 तक पहुंची कोरोना मरीजों की संख्या, 26 की मौत, 67 नए मरीज मिले

डिजिटल डेस्क,  मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्याशुक्रवार को 490 तक पहुंच गई है। राज्य में 67 नए मरीज मिले हैं, जबकि 6 और कोरोना मरीजों की मौत हो गई। महाराष्ट्र में मृतकों का आंकड़ा बढ़ कर 26 हो गया है। मृतको में वसई-विरार, बदलापुर, जलगांव पुणे के एक-एक मरीज शामिल हैं जबकि दो मरीज मुंबई के हैं। गुरुवार को महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 423थी।इस बीच शुक्रवार को 67 रोगियों को स्वस्थ्य होने पर अस्पताल से घर भेजा गया।


कहां कितने मरीज
मनपा-जिला        मरीजों की संख्या   मृत्यु  

मुंबई                      278               19
पुणे (शहर-ग्रामीण)     70               02
सांगली                     25
ठाणे मंडल मनपा       55               03
नागपुर                     16
यवतमाल                  04
सातारा                     03
कोल्हापुर                  02
अहमदनगर               20
बुलढाणा                   05              01
औरंगाबाद                 03
रत्नागिरी                    02
सिंधुदुर्ग                     01
गोंदिया                      01
जलगांव                     01             01
नाशिक                      01
वाशिम                      01
उस्मानाबाद                 01
गुजरात निवासी            01
कुल                          490          26

इस्लाम के नाम पर भीड़ जुटाना अमानवीय
शिवसेना ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन को अमानवीय करार दिया है। शुक्रवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में पार्टी ने कहा कि भीड़ टालने के लिए देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है, ऐसे में इस्लाम के नाम पर इतने लागों का मरकज में जुटना अमानवीय है। दुबई, सऊदी अरब समेत इस्लामी देशों में मस्जिदें बंद कर दी गई हैं। इन देशों के प्रशासकों ने लोगों को घरों में नमाज अदा करने को गया है। यहां के अज्ञानी मुसलमानों को कम से कम मक्का- मदीना से सीख लेना चाहिए।

पार्टी ने कहा कि मरकज के नाम पर लोगों की भीड़ जुटाकर कौन सी धार्मिक और राष्ट्रीय सेवा की है। संपादकीय में कहा गया कि मरकज में शामिल हुए 380 लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ है। ऐसी लापरवाही को माफ नहीं किया जा सकता है। इससे कट्टरपंथियों का अहम नजर आता है। पार्टी ने कहा कि मरकज के आयोजन को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इसकी सच्चाई आयोजक और दिल्ली पुलिस बता सकती है लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरीके से शाहीन बाग में प्रदर्शन को खत्म कराया गया उसी तरह से इस आयोजन को भी रोका जा सकता था।
 

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