MP के प्रत्येक विकासखंड में 36 लाख की मानक लागत से बनेंगी नर्सरी

MP के प्रत्येक विकासखंड में 36 लाख की मानक लागत से बनेंगी नर्सरी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-20 10:42 GMT
MP के प्रत्येक विकासखंड में 36 लाख की मानक लागत से बनेंगी नर्सरी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में अब 36 लाख 19 हजार रुपये की मानक लागत से एक-एक नर्सरी बनाई जाएगी। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में कुल 313 विकासखंड हैं। ये नर्सरियां मनरेगा की धनराशि से बनाई जाएंगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि आगामी वर्षों में पौधों की उपलब्धता  सुगम बनाने के उद्देश्य से नर्सरी विकसित की जाना हैं।

इसके लिए प्रत्येक विकासखंड में न्यूनतम एक नर्सरी की स्थापना की जाए। नर्सरी निर्माण के लिए दो एकड़ उपयुक्त शासकीय भूमि का चयन किया जाए। नर्सरी का निर्माण ऐसे स्वसहायता समूहों से कराया जाए जिनमें कम से कम दस सदस्य हों और सभी मनरेगा के जॉबकार्डधारी हों। डिफाल्टर वाले स्वसहायता समूहों का चयन नहीं किया जाएगा।

जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि वे नर्सरी बनाने के लिए सर्वप्रथम सिंचाई स्रोत के लिए सामुदायिक कूप की खुदाई की जाए। कूप निर्माण कार्य सफल होने पर ही नर्सरी की स्थापना की अन्य गतिविधियां की जाएं। नर्सरी स्थल पर कूप सफल होने पर पानी की आरसीसी टंकी (आकार लम्बाई 5 मी. गुणित चौड़ाई 2 मी. गुणित गहराई एक मी. क्षमता दस हजार लीटर) का निर्माण किया जाए। नर्सरी की सुरक्षा के लिए आरसीसी खंभे एवं कांटेदार तार से फेन्सिंग कराई जाए। इसके अलावा नर्सरी के मुख्य द्वार से क्यारियों तक आवागमन के लिए लगभग 12 फीट चौड़ाई का ग्रेवल मार्ग निर्माण किया जाए। नर्सरी के लिए आवश्यक सामग्री खाद, बीज रखने के लिए 18 फीट गुणित 10 फीट आकार का स्टोर सह चौकीदार रुम का भी निर्माण किया जाए।

परिषद ने नर्सरी निर्माण योजना के बारे में बताया है कि प्रत्येक नर्सरी की परियोजना अवधि 3 वर्ष होगी। इनमें लगाए जाने वाले पौधों की संख्या 1 लाख 75 हजार होगी। परियोजना की प्रति पौधा लागत 24 रुपये 12 पैसे होगी। नर्सरी में शीघ्र बढ़ने वाली प्रजातियां यथा बीजू आम, मुनगा, जामुन, करंज, गुलमोहर को प्राथमिकता दी जाए।

जिला पंचायत सीहोर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. केदार सिंह ने कहा कि ‘‘मनरेगा के तहत नर्सरियां स्थापित करने का मेरा ही प्रस्ताव था जिसे सरकार द्वारा स्वीकार करना बहुत अच्छा काम हुआ है। मैं अगले माह से ही नर्सरी की स्थापना का काम प्रारंभ कर दूंगा। नर्सरी में ओरनामेंटल यानि फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे। नर्सरी के पौधों को सरकार स्वयं ही खरी लेगी तथा इसके लिए अलग से बाजार बनाने या उसमें जाने की जरुरत नहीं होगी। मनरेगा जॉबकार्ड धारियों को रोजगार भी मिल जाएगा और उनकी आय में पहले से ज्यादा इजाफा होगा।’’

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