बीच चौराहे पर लटकाई शराब बेचने वालों की लिस्ट, गांव के नशामुक्त करने की कसम खाई

बीच चौराहे पर लटकाई शराब बेचने वालों की लिस्ट, गांव के नशामुक्त करने की कसम खाई

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-01 09:34 GMT
बीच चौराहे पर लटकाई शराब बेचने वालों की लिस्ट, गांव के नशामुक्त करने की कसम खाई

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आमतौर पर नववर्ष की रात अधिकांश लोग शराब पीकर जश्न मनाते नजर आते हैं लेकिन गड़चिरोली  में नववर्ष की पूर्व संध्या पर मुक्तिपथ अभियान के कार्यकर्ताओं ने अनूठी पहल आरंभ की। शहर के इंदिरा गांधी चौक में शराब बेचने वालों की लिस्ट लगाकर पुलिस विभाग से इन विक्रेताओं केे खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इस समय विद्यार्थियों व युवाओं ने नशा विरोधी मानव श्रृंखला बना कर थर्टी फर्स्ट की रात से पूरी तरह नशे से तौबा करने की कसम भी खाई। 

मुक्तिपथ अभियान की पहल
आदिवासी बहुल व नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले में वर्ष 1992  में शराब बंदी कानून का गठन किया गया  लेकिन जिला मुख्यालय समेत समूचे जिले में आज भी शराब की नदियां धड़ल्ले से बह रही है। महाराष्ट्र सरकार, टाटा ट्रस्ट और समाजसेवी डा. अभय बंग के शोधग्राम संस्था के माध्यम से जिले में मुक्तिपथ अभियान क्रियान्वित किया गया है। अभियान के कार्यकर्ताओं ने हाल ही में गड़चिरोली शहर के विविध इलाकों को भेंट देकर संबंधित शराब विक्रेताओं की सूची तैयार की। नववर्ष की पूर्व संध्या पर  अभियान के कार्यकर्ता व गोंडवाना विवि के राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों ने एकजुटता दिखाते हुए शराब विक्रेताओं की यह सूची मुख्य चौक में लगाई। इस समय पुलिस से अनुरोध किया गया कि संबंधित सूची के शराब विक्रेताओं के खिलाफ यथाशीघ्र कार्रवाई हो। कार्यक्रम के  दौरान उपस्थित शहर के विविध हाईस्कूल व महाविद्यार्थियों ने नशा विरोधी मानव श्रृंखला बनाते हुए सभी प्रकार के नशे को तौबा करने की शपथ ली। कार्यक्रम के दौरान मुक्तिपथ अभियान के कार्यकर्ता व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 

अब पुलिस करे अपना कार्य 
मुक्तिपथ अभियान के कार्यकर्ताओं ने शहर के विविध इलाकों को भेंट देकर संबंधित शराब विक्रेताओं की सूची तैयार की व इसे मुख्य चौक में लगाया। शराब विक्रेताओं की सारी जानकारी इस फलक में दी गई है। अब जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है। पुलिस प्रशासन संबंधित विक्रेताओं पर कार्रवाई करेगी तो यकीनन जिले में नशामुक्ति का संकल्प सफल होगा।   - डॉ. अभय बंग, संचालक, मुक्तिपथ अभियान
 

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