CBI अधिकारी बताकर मांगी एक करोड़ की रिश्वत, पीड़ित से हड़प लिए 50 लाख और कार
CBI अधिकारी बताकर मांगी एक करोड़ की रिश्वत, पीड़ित से हड़प लिए 50 लाख और कार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। खुद को CBI अधिकारी बताकर पतपेढ़ी चलाने वाले एक शख्स से एक करोड़ रूपए की धूस मांगने वाले दो आरोपियों को एमएचबी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता से आरोपी 50 लाख रुपए नकद और 27 लाख रुपए की एक इनोवा कार ले चुके थे। इसके बावजूद वे एक और कार की मांग कर रहे थे। आखिरकार परेशान शिकायतकर्ता ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद जाल बिछाकर आरोपियों को दबाच लिया गया। छानबीन में खुलासा हुआ है कि आरोपी पहले भी कई लोगों को इसी तरह चूना लगा चुके हैं। मुंबई में उनके खिलाफ ठगी के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं।
मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम अश्विनी शर्मा और साजिद वारेकर है। शिकायतकर्ता ने बताया कि तीन महीने पहले दोनों आरोपियों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर उससे संपर्क किया। इसके बाद दोनों ने उनकी पतपेढ़ी में घोटाले का आरोप लगाया और झूठे मामले में फंसाकर एनकाउंटर की धमकी दी। आरोपियों ने कहा कि इससे बचना है तो एक करोड़ रुपए देने होंगे। डरे हुए शिकायतकर्ता ने आरोपियों को तीन किश्तों में 50 लाख रुपए नकद और एक कार दे दी। लेकिन आरोपियों ने एक और कार की मांग जारी रखी। इससे परेशान शिकायतकर्ता ने डीसीपी संग्रामसिंह निशानदार से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद निशानदार के निर्देश पर एमएचबी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया और शिकायतकर्ता ने उन्हें घूस की रकम लेने के लिए एस के रिसार्ट में बुलाया। इसके बाद सीनियर इंस्पेक्टर पंडित ठाकरे और इंस्पेक्टर नितिन भाऊसाहेब की अगुआई में पुलिस की टीम ने आरोपियों को दबोच लिया। मंगलवार को कोर्ट में पेशी के बाद आरोपियों को 16 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
जांच में खुलासा हुआ है कि शर्मा के खिलाफ मुंबई में ठगी के 5 और वारेकर के खिलाफ 1 मामला पहले से दर्ज है। सीनियर इंस्पेक्टर ठाकरे ने बताया कि आरोपियों की धमकी के बाद शिकायतकर्ता बेहद डर गए थे, इसीलिए शुरूआत में उन्होंने जितना हो सका पैसा दे दिया लेकिन मांग जारी रही और उसे पूरा करने में असमर्थ होने के बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। ठाकरे ने कहा कि लोगों को ऐसे मामलों में पहले ही पुलिस से शिकायत करनी चाहिए।