नक्सलियों के पैसों से हुआ एल्गार परिषद का आयोजन - पुलिस

नक्सलियों के पैसों से हुआ एल्गार परिषद का आयोजन - पुलिस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-07 19:04 GMT
नक्सलियों के पैसों से हुआ एल्गार परिषद का आयोजन - पुलिस

डिजिटल डेस्क, पुणे। भीमा कोरेगांव हिंसा की घटना से एक दिन पहले 31 दिसंबर 2017 को शनिवार वाड़ा के मैदान में आयोजित की गई एल्गार परिषद में न केवल नक्सलियों का सहयोग था, बल्कि उनके पैसों से ही इसका आयोजन किया गया था। गुरूवार को पुलिस सहआयुक्त रविंद्र कदम ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 8 जनवरी को विश्रामबाग पुलिस थाने में एल्गार परिषद के आयोजन को लेकर शिकायत की गई थी। जिसमें कहा गया था कि परिषद में कबीर कला मंच के सुधीर ढवले और अन्य लोगों ने समाज को गुमराह कर उकसाने के लिए भड़काऊ भाषण दिए। साथ ही नक्सली विचारधारा का प्रचार किया। जातिय तनाव पैदा हो, ऐसी बयानबाजी की गई। इस वजह से दूसरे दिन 1 जनवरी को कोरेगांव भीमा में दो समाज के गुटों में दंगे हुए।

आगजनी, पथवराव जैसी घटनाएं हुई। शिकायत के अनुसार पुलिस ने परिषद के आयोजक ढवले, सागर गोरखे, हर्षाली पोतदार, रमेश गायचोर, दिपक डेंगले, ज्योति जगताप और उनके अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिन पर मामला दर्ज किया गया था देखा जाए तो इससे पहले उनपर नक्सली आंदोलन से संबंध होने के कारण पुलिस कार्रवाई की गई थी। एल्गार परिषद के पहले की उनकी गतिविधियों को जांचा गया था। तब पाया गया कि प्रतिबंधीत नक्सली संगठन के कुछ वरिष्ठ नेता परिषद के आयोजकों के संपर्क में थे। इसी अहम जानकारी के आधार पर जांच की दिशा तय की गई थी। 

छापेमार कार्रवाई में लैपटाप, हार्ड डिस्क जब्त
कदम ने बताया कि 17 मई को नागपुर के सुरेंद्र गड़लिंग, दिल्ली के रोना विल्सन, मुंबई के सुधीर ढवले, हर्षाली पोतदार और अन्य कुछ आरोपियों के घर की तलाशी ली गई थी। जिसमें कई दस्तावेज, पत्र, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य सामग्री जब्त की गई थी। गड़लिंग और विल्सन के लैपटाप की हार्ड डिस्क की फॉरेन्सिक क्लोन कॉपी को जांचा गया। तब दोनों के प्रतिबंधित संगठन से नजदीकी संबंध सामने आए थे। साथ ही नागपुर स्थित शोमा सेन और महेश राऊत के भी प्रतिबंधित संगठन से संबंध होने का पाया गया है। 


एल्गार परिषद के आयोजन में माओवादियों का साथ
कदम ने बताया कि पुलिस को मिले हुए दस्तावेज गहरी जांच करने के बाद यह बात स्पष्ट हो रही है कि एल्गार परिषद के आयोजन में माओवादियों का सहभाग और प्रेरणा थी। माओवादी नेता मिलिंद तेलतुंबड़े ने जनवरी महिने में रोना विल्सन को पत्र लिखकर एल्गार परिषद सफल पर संतोष जताया था। साथ ही प्रकाश आंबेड़कर और कांग्रेस के कुछ नेता उनकी मदद कर रहे हैं, ऐसा कहा गया है। वो पत्र पुलिस को विल्सन के लैपटॉप से मिला है। इसलिए इस दृष्टि से भी जांच की जाएगी। ऐसा भी कदम ने बताया।  


कोरेगांव भीमा हिंसा के लिए परिषद वहज है क्या इसकी भी जांच
कदम ने कहा कि एल्गार परिषद के आयोजन में माओवादियों से संबंध होने के पक्के सबूत भी हैं। लेकिन कोरेगांव भीमा में हुई हिंसा की घटना एल्गार परिषद के कारण हुई ऐसा नहीं कहा है। उसकी जांच की जाएगी। साथ ही गिरफ्तार किए पांचों का हिंसा में कितना हाथ था, इसकी पड़ताल की जा रही है।

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