नागपुर में शीघ्र शुरू होंगी 11वीं-12वीं की ऑनलाइन कक्षाएं

नागपुर में शीघ्र शुरू होंगी 11वीं-12वीं की ऑनलाइन कक्षाएं

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-05 09:27 GMT
नागपुर में शीघ्र शुरू होंगी 11वीं-12वीं की ऑनलाइन कक्षाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  अनलॉक-1 के बाद अब धीरे-धीरे स्कूलों के कामकाज को पटरी पर लाने की तैयारी शुरू हो गई है। मार्च से स्कूल बंद हैं। नए सत्र की पढ़ाई शुरू कराना जरूरी है, इसलिए ऑनलाइन कक्षाओं पर जोर दिया जा रहा है। पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थियों को स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और अन्य संसाधनों से अवगत कराया जा रहा है। एनसीईआरटी ने 11वीं और 12वीं कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराने के उद्देश्य से "अल्टरनेट एकेडमिक कैलेंडर" जारी कर दिया गया है। इसमें मुखत: स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई कराने पर जोर है। 

एसएमएस से भी पढ़ाई :सोशल डिस्टेंसिंग के दौर मंे कक्षाएं नहीं लग सकतीं। आगे कुछ समय तक पढ़ाई ऑनलाइन ही कराई जाएगी। ऐसे में एनसीईआरटी ने विद्यार्थी, पालकों और शिक्षकों को इस मुहिम में एकजुट होने की अपील की है। पढ़ाई शुरू हो, इसके पूर्व विद्यार्थियों और पालकों को इंटरनेट, वाॅट्सएप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अवगत होने के लिए कहा गया है। पढ़ाई मुख्यत: इंटरनेट के माध्यम से ही होगी। यदि विद्यार्थियों के पास यह सेवा नहीं है, तो पालकों और शिक्षकों को फोन या एसएमएस के माध्यम से संवाद साधकर पढ़ाई जारी रखने को कहा गया है।

सरकार की तैयारी
राज्य सरकार जून माह में स्कूल शुरू करने का निर्णय ले चुकी है। शिक्षा विभाग की तैयारी पहले ऑनलाइन मोड में शुरू करने की है, बाद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कक्षाएं लगेंगी। ऑनलाइन लर्निंग के जरिए सबसे पहले शहरों में स्कूल शुरू होंगे। 

ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और स्मार्टफोन जैसी सुविधाओं की कमी है। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग जिलाधिकारियों और जिला परिषद मुख्याधिकारियों से इनपुट ले रहा है। शिक्षा विभाग से जुड़े विविध वर्गों ने वरिष्ठ कक्षाओं के विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने पर जोर दिया है। 

जूनियर कक्षएं अभी शुरू नहीं होंगी
जानकारों के अनुसार कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू कराने को प्राथमिकता देनी होगी, क्योंकि ये बोर्ड परीक्षाओं से जुड़ी कक्षाएं हैं। कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूलों को बाद में शुरू किया जा सकता है। पालकों की भी सोच है कि जूनियर कक्षाओं को जरा देरी से ही शुरू करना चाहिए। कई पालक अगले कुछ महीने तक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर स्कूल प्रबंधन भी सितंबर के बाद से ही स्कूल शुरू होने की अपेक्षा कर रहे हैं।


 

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