आनलाइन लर्निंग : यूजीसी की मुहिम में नागपुर पीछे

आनलाइन लर्निंग : यूजीसी की मुहिम में नागपुर पीछे

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-05 08:14 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत देश भर के शिक्षा संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि ऑनलाइन लर्निंग के दौर में भी विद्यार्थियों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न हो। अपने यहां जेंडर चैंपियन मुहिम लागू करके उसकी रिपोर्ट यूजीसी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। 

नागपुर में कहीं नहीं मुहिम 
दरअसल, शिक्षा संस्थानों से लिंगभेद मिटाने और समाज में छात्राओं/ महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने "जेंडर चैंपियन" नामक मुहिम छेड़ी है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार 16 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे विद्यार्थी जो नियमित रूप से स्कूल-कॉलेज आते हों और उनका वार्षिक प्रदर्शन अौसतन 50 प्रतिशत या उसके ऊपर हो और उनमें नेतृत्व क्षमता हो, ऐसे विद्यार्थियों को जेंडर चैंपियन के रूप में नियुक्त किया जाए। लेकिन अब तक नागपुर विवि कई विभागों समेत अधिकांश कॉलेजों में इस प्रकार की मुहिम शुरू नहीं हुई है।

जेंडर चैंपियन की जिम्मेदारियां 
-लिंगभेद को मिटाने के लिए सहपाठियों और अन्य साथियों का मार्गदर्शन करेंगे। 
-कॉलेज में छात्र और छात्राओं में समानता स्थापित करने का प्रयत्न करेंगे। 
-ये सुनिश्चित करेंगे कि कॉलेज में लकड़ियों/महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक बर्ताव किया जाता है। साथ ही उन्हें आगे आने के लिए भी अवसर मुहैय्या कराए जाते हैं। 
-सामूहिक चर्चा, वाद-विवाद, पोस्टर प्रतियोगिता, फिल्म फेस्टिवल आयोजित करेंगे। 
-स्कूल, कॉलेज, समाज के विविध घटकों को भी इस मुहिम में अपने साथ जोड़ेंगे। 
-दैनिक कार्यों में लकड़ियों/महिलाओं के साथ होने वाली असमानता को पहचान कर उसे दूर करने के प्रयास करेंगे। 
-छात्राओं, महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबरों का प्रसार करने जैसे कार्य करेंगे।
 

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