महाराष्ट्र : गोरेगांव के जंगल से धड़ल्ले से हो रही रेत तस्करी

महाराष्ट्र : गोरेगांव के जंगल से धड़ल्ले से हो रही रेत तस्करी

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-28 10:13 GMT
महाराष्ट्र : गोरेगांव के जंगल से धड़ल्ले से हो रही रेत तस्करी

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गोरेगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत तिल्ली मोहगांव, निंबा, जांभली के जंगलों से रेत का अवैध उत्खनन कर बड़े पैमाने पर गौण खनिज का ट्रैक्टरों के माध्यम से परिवहन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह सब अवैध उत्खनन व परिवहन  संबंधित वनक्षेत्र के अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है।  अवैध उत्खनन होने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ सरकार के राजस्व का भी लाखों का नुकसान हो रहा है। बता दें कि गोरेगांव वनपरिक्षेत्र में बड़़े पैमाने पर गौण  खनिज जिसमें रेत, गिट्टी, मुरुम, मिट्टी शामिल है। जंगलों में नदी, नालों से रेत का उत्खनन कर ट्रैक्टरों के माध्यम से रात के दौरान परिवहन किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की मिलीभगत की बात कही जा रही है। तिल्ली(मोहगांव), निंबा, हलबीटोला, घुमर्रा, जांभली क्षेत्र के नालों से लाखों की रेत की तस्करी की जा रही है।

वन्यजीवों पर मंडरा रहा खतरा 
निंबा, तिल्ली(मोहगांव), तेढ़ा, हलबीटोला, जांभली, घुमर्रा के जंगलों में वन्यप्राणियों सहित दुर्लभ वन्यजीव भी विचरण करते हैं। नदी-नालों से रेत के उत्खनन करने से वन्यजीवों पर खतरा निर्माण हो गया है। वहीं ग्रीष्मकाल से पूर्व ही जलस्त्रोतों  सूख जाते हैं और वन्यजीवों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।  इसका मुख्य कारण यह है कि रेत का उत्खनन कर पानी नष्ट हो जाता है। रात के समय वाहनों का परिवहन होने से वन्यजीवों की जान को भी खतरा बना रहता है। इसके लिए अवैध रेत उत्खनन करनेवाले ही नहीं बल्कि संबंधित विभाग के अधिकारी ही दोषी हैं। 

लकडिय़ों की भी तस्करी 
क्षेत्र में यह भी चर्चा चल रही है कि रेत के साथ-साथ सूखी लकडिय़ों की भी अवैध ढुलाई की जा रही है। नागरिकों का आरोप है कि इसके बाद भी वनविभाग इस ओर अनदेखी कर रहा है। यही नहीं पगडंडी मार्ग की हालत ट्रैक्टरों के आवागमन से बदहाल हो चुकी है। इसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।

कार्रवाई की जाएगी
यदि उपरोक्त क्षेत्र से गौण खनिज का उत्खनन कर परिवहन किया जाता है तो ऐसे में अवैध उत्खनन करनेवालों के खिलाफ शिकायत मिलते ही कानूनी तौर पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं लापरवाह व दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। 
सुरेश जाधव, आरएफओ, गोरेगांव

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