नागपुर में दूसरी लहर के कारण अटके ऑपरेशन

नागपुर में दूसरी लहर के कारण अटके ऑपरेशन

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-13 08:03 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर में कोरोना ने मार्च में दस्तक दी थी। अगस्त-सितंंबर में मरीजों की संख्या ढाई हजार तक पहुंच गई थी। अब दीपावली के बाद दूसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। यही वजह है कि शहर के सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है। मार्च के पहले की अपेक्षा आॅपरेशन की संख्या में 50 से 60 फीसदी कम हो रहे हैं। ऐसे में मेयो या मेडिकल में से एक अस्पताल को कोविड के आरक्षण से बाहर किया जा सकता है, जिससे एक मेडिकल कॉलेज को कोविड से बड़ी राहत मिल सकती है।

सामान्य और प्लान सर्जरी होनी लगभग बंद  
वर्तमान में सामान्य और प्लान सर्जरी होना लगभग बंद है। वहीं अस्पताल में कोरोना के मरीजों की संख्या मंे भी कमी आ गई है, जिस वजह से मामला ठंडा हो गया है और कई विभागों के डॉक्टर के पास काम भी बहुत कम हो गया है। कोरोना के दौरान प्रसूति, हड्डी रोग विभाग, न्यूरो, इमरजेंसी के ऑपरेशन नियमित रूप से हो रहे थे, क्योंकि इनको टाला नहीं जा सकता है। वहीं, नाक, कान एवं गला, नेत्ररोग विभाग, सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी जैसे विभागों के ऑपरेशन में खासी कमी आई है। 

800 बेड हैं खाली
वर्तमान में मेयो-मेडिकल में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए करीब 1200 बेड हैं। वहीं, मेडिकल में 400 पलंग की तैयारी की जा रही है, जिससे कुल 1600 पलंग हो जाएंगे। फिलहाल सिर्फ 300 से 400 मरीज अस्पताल मंे भर्ती हैं। वर्तमान में करीब 800 पलंग खाली पड़े हुए हैं। यदि इनका उपयोग अन्य ऑपरेशन और उपचार के लिए किया जाने लगा तो उसका लाभ जरूरतमंद लोगों को मिलने लगेगा। विशेष बात यह है कि मरीजों की संख्या कम होने पर कोरोना मरीजों को एक अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। इससे एक कॉलेज को कोरोना से राहत मिल सकती है।

400 बेड तैयार करने का चल रहा काम
जानकारी के अनुसार इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए करीब 600 पलंग की व्यवस्था है, लेकिन मरीजों की संख्या घटने के कारण फिलहाल कुल औसत 50 से 70 ही अस्पताल में भर्ती रहते है। यहां, कोरोना वार्ड, सारी वॉर्ड और आईसीयू में मरीजों का उपचार किया जा रहा है। वहीं, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में वर्तमान में कोरोना मरीजों के लिए 600 पलंग आरक्षित है और 400 पलंग तैयार करने का काम चल रहा है। हालांकि मेडिकल में भी औसत 250 से 300 मरीज भर्ती रहते हैं। मेडिकल के ट्रॉमा में करीब 4 वॉर्ड, सारी वॉर्ड के अलावा मेडिसिन विभाग के कुछ वार्ड को कोरोना मरीजों के लिए आरंभ किया गया है।
 

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