श्रमिकों के आंदोलन के आगे ओपीएम प्रबंधन ने घुटना टेके , प्रशासन के दबाव में किया भुगतान

श्रमिकों के आंदोलन के आगे ओपीएम प्रबंधन ने घुटना टेके , प्रशासन के दबाव में किया भुगतान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-04 13:13 GMT
श्रमिकों के आंदोलन के आगे ओपीएम प्रबंधन ने घुटना टेके , प्रशासन के दबाव में किया भुगतान

डिजिटल डेस्क, शहडोल। कर्मचारियों द्वारा आंदोलन के आगे ओपीएम प्रबंधन को अंतत: घुटना टेकना पड़ा और प्रशासन के दबाव में ओपीएम प्रबंधन ने फैक्टरी में कार्यरत ठेका श्रमिकों की कुछ मांगें मान ली हैं। कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव की अगुवाई में शाम को कंपनी प्रबंधन, श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद श्रमिकों की लंबित मजदूरी, गेच्यूटी, बोनस आदि का भुगतान करा दिया गया है। श्रमिकों के नियमितीकरण का मामला लेबर कोर्ट में जाएगा। प्रशासन के पास जो शिकायत आई थी, उसमें मुख्य रूप से मजदूरी का भुगतान नहीं होना, बोनस व गेच्यूटी नहीं मिलने तथा नियमितीकरण की थी। बैठक के बाद 13 श्रमिकों की मजदूरी, 10 का बोनस और 2 श्रमिकों की गेज्यूटी का भुगतान करा दिया गया है। एक श्रमिक की गेज्यूटी रह गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही उसका भी पेमेंट हो जाएगा। जिला प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन से कुछ रिकॉर्ड भी तलब किए हैं। इसके बाद फिर बैठक की जाएगी।

कुछ मामले अभी भी अटके
कुछ श्रमिकों को बिना किसी कारण के बाहर करने की शिकायतें भी श्रम विभाग के पास यूनियन की तरफ से आई थीं। अभी इसका निराकरण नहीं हो सका है। जिला श्रम अधिकारी संध्या सिंह ने बताया कि ठेका श्रमिकों की इन्फोर्समेंट संबंधी सभी मांगें पूरी हो गई हैं। एक ठेकेदार द्वारा कम मजदूरी दिए जाने की शिकायत भी थी, जिसे सही करा दिया गया है। अब वह 284 रुपए प्रतिदिन के मान से मजदूरी का भुगतान करेगा। श्रमिकों के बाहर करने की शिकायत की जांच की जा रही है।
 

कोर्ट तय करेगा नियमितीकरण  
जिला श्रम अधिकारी ने बताया कि कांट्रैक्ट लेबर एक्ट के तहत नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। ओपीएम एमपीआईआर एक्ट के तहत आता है। इसमें नियमितीकरण के लिए व्यक्तिगत या यूनियन के माध्यम से श्रमिक लेबर कोर्ट जा सकते हैं। श्रमिकों को नियमित किया जाना चाहिए या नहीं इसका फैसला कोर्ट ही करेगा। हमने यूनियन को कोर्ट जाने की सलाह दी है।

समझौते के तहत हुआ होगा
जब श्रम अधिकारी से पूछा गया कि इससे पहले कुछ श्रमिकों को ओपीएम प्रबंधन ने नियमित किया है, तो उन्होंने कहा कि वह समझौते के तहत किया होगा। समझौते के तहत कांट्रैक्ट बदलते रहते हैं। नियमितीकरण एक लंंबी प्रक्रिया होती है। इसमें सेवा की अवधि के साथ-साथ मेरिट भी देखा जाता है।
 

नहीं हो रही थी सुनवाई
गौरतलब है कि श्रमिकों ने ओपीएम प्रबंधन और श्रम विभाग को अपनी समस्याओं के संबंध में यूनियन के माध्यम से अवगत कराया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर श्रमिक अनसन पर बैठे थे। बुधवार को श्रमिकों ने कड़ा रुख अपनाते हुए फैक्टरी के मेन गेट को जाम कर दिया था। उनका कहना था कि अगर उनकी समस्याएं नहीं सुनी गईं तो  वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इसके बाद कलेक्टर ने आनन-फानन में बैठक बुलाई थी।

इनका कहना है
यह पहले फेज की बैठक थी। इसमें लंबित भुगतान के मामलों का निराकरण करा दिया गया है। प्रबंधन से कुछ रिकॉर्ड मंगवाए गए हैं। प्रशासन की कोशिश मामले का जल्द से जल्द निराकरण कराने की है।-अनुभा श्रीवास्वत, कलेक्टर

 

Similar News