महाराष्ट्र : 10 महीनों में विदर्भ के 15629 किसानों ने की आत्महत्या
महाराष्ट्र : 10 महीनों में विदर्भ के 15629 किसानों ने की आत्महत्या
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकार ने कानूनी सलाह के आधार पर पिछड़ा आयोग की सिर्फ सिफारिशें स्वीकार कीं हैं पूरी रिपोर्ट नहीं। कानून के जानकारों ने बताया था कि पूरी रिपोर्ट स्वीकार करने से भविष्य में कानूनी अड़चने आ सकतीं हैं, इसलिए ऐसा किया गया। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर हाईकोर्ट में सरकार की भूमिका पर विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में यह जानकारी दी। वहीं विपक्ष लगातार मराठा आरक्षण से जुड़ी पिछड़ा वर्ग आयोग और धनगर आरक्षण से जुड़ी टीआईएसएस की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने की मांग करते हुए हंगामा करता रहा। इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करने के बाद आखिरकार सोमवार तक स्थगित कर दी गई। गुरूवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने यह मुद्दा उठाया और सरकार से स्पष्टीकरण देने को कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाहर लोगों को खुशी बनाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन सदन में सबसे पहले खुशखबरी दी जानी चाहिए।
NCP विधायक छगन भुजबल ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि मराठा समाज को आरक्षण कैसे दिया जाएगा। उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें भी 52 फीसदी के आरक्षण में समाहित किया जाएगा। भुजबल ने कहा कि सिर्फ 50 फीसदी आरक्षण संविधान का हिस्सा नहीं है, लेकिन अदालत के आदेश के मुताबिक ऐसा हो रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार को कानून बनाकर आरक्षण की सीमा 60-70 फीसदी करनी चाहिए जिससे यह समस्या हमेशा के लिए सुलझ जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मराठा समाज को जो आरक्षण दिया जाएगा वह 52 फीसदी से अलग होगा।
उन्होंने कहा कि अदालत ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक रखने से जुड़े अपने फैसले में कहा था कि पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश के मुताबिक असाधारण परिस्थितियों में आरक्षण की सीमा बढ़ाई जा सकती है। तमिलनाडु व कर्नाटक ने ऐसा किया है और फिलहाल मामला न्यायलय के सामने है। मौजूदा फैसले को भी कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, इसलिए हम पुख्ता व्यवस्था कर रहे हैं। पिछली सरकार ने ऐसा नहीं किया था इसलिए आरक्षण नहीं टिक पाया।
धनगर समाज से किया वादा पूरा किया
धनगर समाज को आरक्षण देने से जुड़े वरिष्ठ विधायक गणपत देशमुख के सवाल पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने सफाई दी कि वादे के मुताबिक कैबिनेट की पहली बैठक में प्रस्ताव पास किया गया। अब मामला केंद्र सरकार के पास है। लेकिन हम धनगर समाज को आरक्षण देने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।
तब तक नहीं चलने देंगे सदनः अजीत पवार
अजित पवार ने मराठा आरक्षण से जुड़ी रिपोर्ट सदन में रखने की मांग करते हुए कहा कि सरकार जब तक ऐसा नहीं करेगी हम सदन का कामकाज नहीं चलने देंगे। विखे पाटील ने मुस्लिम आरक्षण पर सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने रिपोर्ट सदन में पेश करने के मुद्दे पर अजित पवार पर यू टर्न लेने का आरोप लगाया। जिस पर पवार ने सफाई दी कि मामले पर मेरी नहीं सरकार का रुख लगातार बदल रहा है। रिपोर्ट सदन में रखने की मांग करते हुए विपक्ष ने मामले में लगातार हंगामा जारी रखा तो विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी।
विदर्भ के 6 जिलों में 10 महीनों में 15629 किसानों ने की आत्महत्या
विदर्भ के छह जिलों में इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच आत्महत्या के 15629 मामले सामने आएं हैं। इनमें से 8406 मामलों को मुआवजे के लिए अपात्र पाया गया है। 7008 मामलों में आत्महत्या करने वाले किसान परिवारों को मुआवजा दिया गया है जबकि 215 मामलों पर अभी विचार चल रहा है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। शिवसेना के राहुल पाटील, कांग्रेस के हर्षवर्धन सपकाल, NCP के अजित पवार दिलीप वलसे पाटील आदि सदस्यों ने किसान आत्महत्या और मुआवजे से जुड़ा सवाल पूछा था। लिखित जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को बतौर मुआवजा एक-एक लाख रुपए दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पात्रता से जुड़े नियमों में किसी तरह के बदलाव पर विचार नहीं हो रहा है। इसी तरह नाशिक जिले में आत्महत्या करने वाले 73 लोगों में से सिर्फ 17 को पात्र पाया गया है। मराठवाडा में जनवरी से सितंबर तक आत्महत्या के 674 मामले सामने आए जिनमें से 445 परिवारों को मुआवजा दिया गया।
किटनाशकों के छिड़काव के दौरान 63 लोगों की गई जान
कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान राज्य में कुल 63 किसानों/मजदूरों ने जान गंवाई है। सितंबर 2018 के आखिर में विदर्भ के भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, वर्धा, यवतमाल और नागपुर जिलों में कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान उल्टी और चक्कर आने की शिकायत के बाद 695 किसान/मजदूरों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा था इनमें से सात लोगों की मौत हो गई। मौत के मामलों में फिलहाल विसरा रिपोर्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन शक है कि चार मामलों में मौत की वजह कुछ और है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। शिवसेना के सुनील प्रभू, भाजपा के सुधाकर देशमुख, गोवर्धन शर्मा आदि सदस्यों ने कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान किसानो/मजदूरों के बीमार होने से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि राज्य के किसानों को 63815 किसानों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
विदर्भ के 6 जिलों में 10 महीनों में 15629 किसानों ने की आत्महत्या
विदर्भ के छह जिलों में इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच आत्महत्या के 15629 मामले सामने आएं हैं। इनमें से 8406 मामलों को मुआवजे के लिए अपात्र पाया गया है। 7008 मामलों में आत्महत्या करने वाले किसान परिवारों को मुआवजा दिया गया है जबकि 215 मामलों पर अभी विचार चल रहा है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। शिवसेना के राहुल पाटील, कांग्रेस के हर्षवर्धन सपकाल, NCP के अजित पवार दिलीप वलसे पाटील आदि सदस्यों ने किसान आत्महत्या और मुआवजे से जुड़ा सवाल पूछा था।
लिखित जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को बतौर मुआवजा एक-एक लाख रुपए दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पात्रता से जुड़े नियमों में किसी तरह के बदलाव पर विचार नहीं हो रहा है। इसी तरह नाशिक जिले में आत्महत्या करने वाले 73 लोगों में से सिर्फ 17 को पात्र पाया गया है। मराठवाडा में जनवरी से सितंबर तक आत्महत्या के 674 मामले सामने आए जिनमें से 445 परिवारों को मुआवजा दिया गया।
किटनाशकों के छिड़काव के दौरान 63 लोगों की गई जान
कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान राज्य में कुल 63 किसानों/मजदूरों ने जान गंवाई है। सितंबर 2018 के आखिर में विदर्भ के भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, वर्धा, यवतमाल और नागपुर जिलों में कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान उल्टी और चक्कर आने की शिकायत के बाद 695 किसान/मजदूरों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा था इनमें से सात लोगों की मौत हो गई। मौत के मामलों में फिलहाल विसरा रिपोर्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन शक है कि चार मामलों में मौत की वजह कुछ और है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। शिवसेना के सुनील प्रभू, भाजपा के सुधाकर देशमुख, गोवर्धन शर्मा आदि सदस्यों ने कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान किसानो/मजदूरों के बीमार होने से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि राज्य के किसानों को 63815 किसानों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
थायी मांगूर मछली की बिक्री पर रोक नहीं
राज्य सरकार ने थायी मांगूर (क्लारीअस बट्राशस) मछलियों की बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। सरकार के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जिससे साबित होता हो कि थायी मांगूर मछली खाने से कैंसर फैलाने वाले विषाणू शरीर में फैलते हैं। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मत्स्यविकास मंत्री महादेव जानकर ने यह जानकारी दी। भाजपा के कैप्टन तमिल सेल्वन, पराग अलवणी, नरेंद्र मेहता आदि सदस्यों ने थायी मंगूर मछलियों की बिक्री से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री जानकर ने बताया कि इस मामले में केंद्रीय वैज्ञानिकों से जानकारी मांगी गई है।