मनपा आयुक्त के खिलाफ एक मंच पर प्रतिपक्ष-सत्तापक्ष 

मनपा आयुक्त के खिलाफ एक मंच पर प्रतिपक्ष-सत्तापक्ष 

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-29 08:19 GMT
मनपा आयुक्त के खिलाफ एक मंच पर प्रतिपक्ष-सत्तापक्ष 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा में प्रतिपक्ष और सत्तापक्ष एक मंच पर आया और मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे पर गंभीर आरोप लगाए। मनपा में नेता प्रतिपक्ष तानाजी वनवे ने कहा कि आयुक्त की मनमानी से सभी दल के नगरसेवक त्रस्त हैं। उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए होने वाली उपाय योजनाओं में पदाधिकारियों को भरोसे में नहीं लेने का आरोप लगाया। हालांकि नगरसेवकों का यह दर्द काफी पुराना है। पालकमंत्री नितीन राऊत और पशु पालन व दुग्ध विकास मंत्री सुनील केदार से तक शिकायत की गई है। आयुक्त के बर्ताव में सुधार नहीं होने पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। वनवे के वक्तव्य का सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने भी समर्थन किया।

कोरोना उपाय योजना में सभी का योगदान
वनवे ने कहा कि कोरोना की रोकथाम में विविध विभागों का बराबरी का योगदान है। केवल मनपा आयुक्त को इसका श्रेय नहीं जाता। आयुक्त तुकाराम मुंढे मनपा पदाधिकारियों को विश्वास में नहीं लेते हुए खुद निर्णय लेकर मनमानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सभी को विश्वास में लेकर काम कर रहे हैं। आयुक्त को मुख्यमंत्री से सबक लेकर काम करना चाहिए। उधर, मनपा में सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर में नागरिक असुविधाओं से जूझ रहे हैं। 

नहीं तो मर जाती मनोरोगी महिला
नगरसेवक नितीन साठवने ने कहा कि सतरंजीपुरा से 1750 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया। इसमें एक परिवार में मनोराेगी महिला थी। उसे अकेले घर में छोड़ दिया गया। बस्ती के लोगों ने 3 दिन तक उसे खिड़की से भोजन दिया। स्थानीय नागरिकों द्वारा लगातार प्रशासन से मांग करने पर 3 दिन बाद उसे प्रशासन द्वारा मेंटल अस्पताल ले जाया गया। अगर ऐसा नहीं होता तो वह घर में भूख के कारण मर जाती

इस तरह के लगाए आरोप 
-सील इलाकों में जरूरी सुविधाओं से नागरिकों को वंचित रखा जा रहा।
-केटी नगर जैसे घनी आबादी के बीच कोविड अस्पताल बनाया जा रहा।
-अस्पताल का विरोध करने वालों के खिलाफ एफआईआर तक कराई गई।
-जनप्रतिनिधियों के साथ आयुक्त का बर्ताव ठीक नहीं है।
-सुविधाएं मांगने के लिए सामने आए तो नगरसेवक नितीन साठवने के खिलाफ एफआईआर कराई।
-कोरोना संक्रमण रोकने में मनपा प्रशासन नाकाम।
-क्वारेंटाइन सेंटरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा।
-लोगों को नियंत्रित करने में मनपा प्रशासन कमजोर साबित हो रहा।
-समय पर नाश्ता, भोजन, पानी तक नहीं मिल पा रहा है।
-क्वारेंटाइन सेंटरों पर जाकर अव्यवस्था से बाहर ही भटकना पड़ता है लोगों को।
-भोजन में इल्लियां, निकृष्ट गुणवत्ता का भोजन परोसा जा रहा है।

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