नागपुर में महामारी बेकाबू, लॉकडाउन पर विचार

नागपुर में महामारी बेकाबू, लॉकडाउन पर विचार

Anita Peddulwar
Update: 2020-09-16 04:31 GMT
नागपुर में महामारी बेकाबू, लॉकडाउन पर विचार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए दोबारा लॉकडाउन लगाने के मुद्दे पर  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चर्चा हुई। एक मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश समर्थ ने कहा कि शहर में कोरोना संक्रमण काबू से बाहर हो रहा है। ऐसी स्थिति में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए। इस पर न्या.रवि देशपांडे व न्या.पुष्पा गनेडीवाला की खंडपीठ ने मनपा आयुक्त राधाकृष्ण बी. से उनकी राय पूछी। 

आयुक्त ने कहा-परेशानी और बढ़ेगी  
आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि वे लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि लॉकडाउन केवल विपत्ति को आगे बढ़ाने का काम करेगा। उलट इससे समस्याएं और बढ़ जाएंगी। 

कोर्ट ने पूछा-3 दिन का लॉकडाउन हो तो...
कोर्ट ने दोबारा प्रश्न किया कि संक्रमण की मौजूदा स्थिति हाथ से फिसलती दिख रही है। मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। अस्पतालों में स्टाफ कम हैं। श्मशान घाट में कतारें लग रही हैं। अगर ट्रायल बेसिस पर 3 दिन के लिए लॉकडाउन लगाया जाए, तो क्या इससे हमारे अस्पतालों, चिकित्सकों और टीम को कुछ दिनों की राहत मिलेगी।

मेयो अधिष्ठाता ने कहा-फायदा नहीं होगा
सुनवाई में उपस्थित मेयो अधिष्ठाता ने कहा कि 3 दिन या 7 दिन का लॉकडाउन किसी फायदे का नहीं है। इससे अस्पतालों का लोड कम नहीं होगा। उलट स्थिति बिगड़ेगी, मरीज अस्पताल को रिपोर्ट करने में देर करने लगेंगे। अस्पतालों का भार हल्का करने के लिए कम से कम 14 दिन का लॉकडाउन चाहिए।

कल  सुनवाई, सभी फिर रखेंगे बात
मेयो अधिष्ठाता का कहना है लॉकडाउन एक "पॉज बटन" जैसा है। हमें इस विपत्ति का सामना करना ही होगा। इस पर कोर्ट ने सभी पक्षों की राय सुनने के बाद उन्हें 17 सितंबर को होने वाली सुनवाई में लॉकडाउन पर अपनी अपनी भूमिका तैयार रखने के आदेश दिए हैं।

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