पांढुर्ना जमीन फर्जीवाड़े की होगी सीबीआई जांच-  हाईकोर्ट ने दिए आदेश

पांढुर्ना जमीन फर्जीवाड़े की होगी सीबीआई जांच-  हाईकोर्ट ने दिए आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-02 07:52 GMT
पांढुर्ना जमीन फर्जीवाड़े की होगी सीबीआई जांच-  हाईकोर्ट ने दिए आदेश

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पांढुर्ना के हाईप्रोफाइल जमीन फर्जीवाड़े की अब सीबीआई जांच होगी। जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और विजय शुक्ला की युगल पीठ ने आदेश जारी करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है। इस प्रकरण में पहले ही सात आरोपियों के खिलाफ छिंदवाड़ा पुलिस ने अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पांढुनऱ्ा में 980 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। छिंदवाड़ा और बैतूल के आरोपियों ने मिलकर इस बड़े घोटाले को छिंदवाड़ा में अंजाम दिया था। मुंबई के व्यापारी रमेश चौरसिया को जिले के पांढुर्ना और बैतूल से लगे गांवों की 980 एकड़ जमीन बेच दी गई है। 15 सितंबर 2014 को नकली सरकारी वाहन, फर्जी रजिस्ट्रार, बाबू और चपरासी बनाकर आरोपियों ने पोर्टल में 107 रजिस्ट्रयां करवाई। 980 एकड़ जमीन के ऐवज में आरोपियों ने मुम्बई की फर्म से 11 करोड़ 91 लाख 51 हजार 600 रुपए  वसूल किए थे। इस प्रकरण में दो करोड़ के फर्जी व पांच लाख के असली स्टांप लगाए गए।

सात लोगों ने मिलकर किया था फर्जीवाड़ा 
सात लोगों ने मिलकर ये फर्जीवाड़ा किया था। इनमें इंदौर निवासी कुंदन जायसवाल, बेटा संतोष जायसवाल के अलावा बैतूल निवासी सतीश माकोड़े और पांढुर्ना निवासी अशोक जायसवाल और पांढुर्ना पटवारी मुन्नालाल पवार सहित अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इन्होंने पांढुर्ना के खैरीपाडेवार, तिगांव और बड़ेगांव की जमीन को मुंबई की फर्म को बेच दी थी।

पुलिस ने बरती लापरवाही, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मामला 
इस पूरे प्रकरण में पांढुर्ना पुलिस की भूमिका पर पहले से उंगली उठ रही है। 2017 में घोटाला सामने आया था। जिसके बाद पीडि़त व्यापारी ने पांढुर्ना पुलिस में शिकायत की, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामले में व्यापारी को कोर्ट में परिवाद कायम करना पड़ा। जिसके बाद आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर के आदेश जारी किए गए।

ऐसे किया था फर्जीवाड़ा 
आरोपियों ने 980 एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए है। इनकी फर्जी रजिस्ट्री बनाई गई। आरोपी मुन्नालाल पटवारी ने कागजी दस्तावेज पार्टी को बताए और ये सिद्ध किया कि ये जमीन आरोपियों की ही है। छिंदवाड़ा की द करण होटल में फर्जी रजिस्ट्रार बैठाकर किश्तों में जमीन की रजिस्ट्री की गई। इस रजिस्ट्री में स्टॉम्प भी फर्जी लगाए गए।

अब आगे क्या:  इस मामले में आरोपी अशोक जायसवाल की जमानत हो गई है, लेकिन सोमवार को कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता आरोपी अशोक जायसवाल की जमानत निरस्त करने का आवेदन दायर कर सकते हैं।
 

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