विकास कार्य के लिए चल रही खुदाई में मिला जलाधारी सहित परमारकालीन शिवलिंग 

ujjain development project विकास कार्य के लिए चल रही खुदाई में मिला जलाधारी सहित परमारकालीन शिवलिंग 

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Update: 2021-08-19 12:36 GMT
विकास कार्य के लिए चल रही खुदाई में मिला जलाधारी सहित परमारकालीन शिवलिंग 

डिजिटल डेस्क उज्जैन। उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के पास के क्षेत्र में सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत विकास कार्यों के लिए क्षेत्रों में खुदाई चल रही है। जिसमें लगातार कुछ न कुछ मिल ही रहा है। कुछ दिन पहले यहां मंदिर का प्लेटफार्म मिला, उसके बाद कुछ कंकाल भी मिले थे। अब भगवान शिव की जलधारी समेत शिवलिंग मिला है। जिसे पुरातत्वविद् विभाग परमारकालीन मुर्ति बता रहे हैं।

उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर को 11 वीं - 12 वीं सदी में परमार राजवंश के द्वारा बनवाया गया था। आक्रमणकारियों ने इस मंदिर के साथ - साथ बहुत सारी प्रतिमाएं तोड़ दी थीं। जिसका 200 साल पहले सिंधिया रियासत के सर सूबा के द्वारा पुनः इस मंदिर की मरम्मत करवाई गई थी। 
महाकाल मंदिर के गर्भ गृह के नीचे क्या है किसी को भी नहीं पता है। इसको लेकर कोई शोध कार्य भी नहीं हुआ है। आस पास की जमीनों की खुदाई के बाद पुरावशेष मिलने से यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि गर्भ गृह के नीचे भी पुरावशेष दबे हुए हैं। भोपाल से आए पुरातत्वविद् विभाग इस पूरे कार्य पर नजर रखे हुए हैं। स्थानीय पुरातत्वविद् शुभम केवलिया ने बताया कि शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा खंडित है, लेकिन जलधारी सही सलामत है। उन्होंने बताया कि जलधारी जब जमीन में था, तब उसका मुख उत्तर दिशा की ओर था जिससे यह बात स्पष्ट होती है कि इस स्थान पर पहले शिव मंदिर था।  


 

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