नागपुर में तेजी से स्वस्थ भी हो रहे मरीज

 नागपुर में तेजी से स्वस्थ भी हो रहे मरीज

Anita Peddulwar
Update: 2021-04-26 05:55 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना के नए स्ट्रेन मिलने के प्रमाण भी मिले हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि इसमें मरीज रिकवर बहुत तेजी हो रहे हैं। 24 अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार देखें, तो जिले में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 75002 रही। इसमें से सिर्फ 9 हजार 61 मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति बनी। इसके अनुसार सिर्फ 12.08 प्रतिशत मरीज ही भर्ती होने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। शेष 87.92 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

मौत का खतरा कम
मरीजों की संख्या बढ़ने से नागरिकों में दहशत है। अस्पतालों में न बेड मिल रहे, न दवा मिल रही है। इसका सिर्फ एक ही कारण है बड़ी संख्या में मरीज मिलना। नए स्ट्रेन के कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेज है, लेकिन इसमें मौत का खतरा पिछले वायरस से कम है। इसलिए घबराने की बात नहीं है। जिले में वर्तमान में संक्रमित हुए मरीजों में से भी सिर्फ 12.08 प्रतिशत को भर्ती होने की नौबत आई है।

भर्ती मरीजों में भी कुछ सामान्य मरीज
आंकड़ों के अनुसार नागपुर जिले में 24 अप्रैल को 75002 एक्टिव मरीज थे। इनमें से सिर्फ 9061 मरीज अस्पतालों में भर्ती थे, जो कि कुल एक्टिव मरीजों का सिर्फ 12.08 प्रतिशत है। इसी तरह शेष 65941 मरीज होम आइसोलेशन में हैं, जो कि 87.92 प्रतिशत है। इसमें से कुछ मरीजों की स्थिति सामान्य हैं, जिन्हें कोविड केयर सेंटर में रखा गया है। उन मरीजों को भर्ती मरीजों में इसलिए गिना गया है, क्योंकि उनके घर में आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है।

मजबूरी में घर में करवा रहे इलाज
परेशानी की बात यह भी है कि बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कुछ गंभीर स्थिति के मरीजों को मजबूरन घर में ऑक्सीजन की व्यवस्था कर इलाज कराना पड़ रहा है। इस तरह के कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

हर मरीज को रेमडेसिविर की जरूरत नहीं
कुल नंबरों की अगर संख्या देखें, तो पिछली बार से इस बार मृत्यु दर कम है। पिछली बार अधिकतम मरीज 2500 के करीब थे, जिसमें मृत्यु 65 तक होती थी। इसमें 7500 से 8000 के करीब मरीज मिल रहे हैं, जिसमें अधिकतम मृत्यु 120 तक रही है। हर मरीज को रेमडेसिविर की जरूरत नहीं है। इसमें ऑक्सीजन लेवल की मॉनिटरिंग बहुत महत्वपूर्ण है।  -डॉ. सागर पांडे, उप-अधीक्षक, मेयो
 

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