पवार और राणे की मुलाकात से सियासी अटकलें तेज, धनगर आरक्षण को लेकर महात्मे ने चेताया

पवार और राणे की मुलाकात से सियासी अटकलें तेज, धनगर आरक्षण को लेकर महात्मे ने चेताया

Tejinder Singh
Update: 2018-12-03 16:09 GMT
पवार और राणे की मुलाकात से सियासी अटकलें तेज, धनगर आरक्षण को लेकर महात्मे ने चेताया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के प्रमुख नारायण राणे से मुलाकात की। सोमवार को पवार सिंधुदुर्ग के कणकवली में राणे के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे। पवार के साथ बैठक के बाद राणे को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। हलांकि दोनों नेताओं की तरफ से इस बैठक को शिष्टाचार मुलाकत बताया गया। लेकिन इसके राजनीतिक हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि राणे सहयोगी दल भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं। भाजपा के कोटे से राज्यसभा सांसद होने के बावजूद राणे सिंधुदुर्ग में अपनी पार्टी की विश्वास यात्रा में केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की फडणवीस सरकार की आलोचना कर रहे हैं। इस लिहाज से दोनों नेताओं की बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पवार दो दिनों से सिंधुदुर्ग के दौरे पर हैं। राणे ने पवार को फोन कर अपने निवास बुलाया था। दूसरी ओर राणे के बेटे कांग्रेस विधायक नितेश राणे ने कहा कि हमारे विरोधी कहते हैं कि राणे की राजनीतिक ताकत खत्म हो गई है। लेकिन कोंकण में आने वाला हर दिग्गज नेता राणे से मुलाकात करता है। क्योंकि उन लोगों को राणे की ताकत का अंदाजा है। हालांकि राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि पवार और राणे के बीच हुई मुलाकात को लेकर राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। राणे ने पवार को फोन करके अपने निवास पर बुलाया था। इसलिए वे मिलने चले गए थे। वहीं भाजपा के नेता व राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि लोकतंत्र कोई नेता किसी से भी मुलाकात कर सकता है। दोनों नेताओं की बैठक व्यक्तिगत स्वरूप की थी।

धनगर समाज को आरक्षण नहीं मिला तो राज्य में फिर नहीं बनेगी भाजपा की सरकार
उधर मराठा समाज को आरक्षण मिलने के बाद अब धनगर समाज आरक्षण की मांग को लेकर आक्रामक हो गया है। सोमवार को महाराजा यशवंतराव होलकर की जयंती के मौके पर उपनगर के मुलुंड में धनगर समाज संघर्ष समिति की ओर आरक्षण के लिए आंदोलन किया गया। इस दौरान धनगर समाज के लोगों ने महागठबंधन सरकार की घोषणापत्र को जलाया। भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. विकास महात्मे ने कहा कि राज्य सरकार ने धनगर समाज को आरक्षण नहीं दिया तो दोबारा राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बन पाएगी। महात्मे ने कहा कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर मराठा समाज को तत्परता आरक्षण देने का फैसला किया। लेकिन धनगर समाज के आरक्षण से जुड़ी टाटा सोशल साइंस (टीस) की रिपोर्ट सरकार को 31 अगस्त को मिल चुका था।

इसके बावजूद सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। सरकार कह रही है कि बजट सत्र में धनगर आरक्षण को लेकर कार्यवाही पूरी की जाएगी। महात्मे ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने घोषणा पत्र में धनगर आरक्षण देने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक धनगर समाज को आरक्षण नहीं मिल पाया है। यदि धनगर समाज को आरक्षण नहीं मिला तो हम आंदोलन और तीव्र करेंगे। महात्मे ने कहा कि मेरे राज्यसभा के इस्तीफे से यदि धनगर समाज को आरक्षण मिलता होगा तो मैं निश्चित रूप से राज्यसभा का इस्तीफा दे दुंगा। लेकिन उसके पहले हम सरकार को झुकाने का काम कर रहे हैं। 
 

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