विधायक निवास में क्वारंटाइन में लोग स्टॉफ को कर रहे परेशान

विधायक निवास में क्वारंटाइन में लोग स्टॉफ को कर रहे परेशान

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-01 15:59 GMT
विधायक निवास में क्वारंटाइन में लोग स्टॉफ को कर रहे परेशान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के किसी भी प्रकार के मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को विधायक निवास में रखा जा रहा है। विशेष बात यह है कि यहां रहने वाले लोगों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा है। इतना ही नहीं उसके साथ वहां रहना, खाना और इंटरनेट भी लोगों को फ्री दिया गया है जिससे उनको मनोरंजन आदि में किसी भी प्रकार की समस्या न आए, लेकिन इसके बाद भी ये क्वारंटाइन में रहने वाले लोग अपने कमरे छोड़कर स्टॉफ से तरह-तरफ के सवाल पूछकर परेशान कर रहे है।

ऐसे परेशान कर रहे हैम लोग
बुधवार को दैनिक भास्कर की मौजूदगी में क्वारंटाइन वाले लोग विधायक निवास की बिल्डिंग में नीचे गैलरी में आकर हमारी छुट्टी कब होगी? यह हमें कौन बताएगा? इसके लिए डॉक्टर से बात करनी होगी या फिर कलेक्टर से बात करनी पड़ेगी‌? हमारे पास कपड़े नहीं है, हमें कपड़े चाहिए। घर की चाबी हमारे पास है अब कपड़े कैसे आएंगे, हम ले आएं क्या? हम हवा लेने के िलए अब यहां खड़े भी नहीं हो सकते है ? ऐसे तरह-तरफ के सवालों बिल्डिंग के बाहर तैनात पुलिस, के अलावा डॉक्टर, अटेंडेंट आदि थक चुके है लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं है। सबकी सिर्फ एक ही समस्या है कि उनको क्वारंटाइन में विधायक निवास में ना रहकर घर जाना है। स्टॉफ उनको बार-बार वहां खड़े रहो आगे मत आओ। हर बार एक नई समस्या को सुनकर उन्हें वहीं रहने का आग्रह कर रहे है।

14 दिन तक रहना है क्वारंटाइन में
विधायक निवास में क्वारंटाइन कक्ष बनाए गए है जहां संदिग्ध लोगाें की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर या फिर बाहर से आने वाले लोगाें को 14 दिन तक रखा जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यहां पहुंचने वाले लोगों मंे वायरस डेवलप होकर किसी और को संक्रमित ना कर सके। 14 दिन तक यदि उक्त व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है तो उसे क्वारंटाइन कक्ष से निकलकर अपने घर जाने की स्वीकृति मिल जाएगी। यहां रहने वाले लोगों को अन्य बीमारी होने पर भी सरकार द्वारा नि:शुल्क उपचार व दवाएं दी जा रही हैं। किसी को बीमारी महसूस होने पर उन्हें शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) भेज रहे है जहां कोरोना की जांच और उपचार के बाद वापस क्वारंटाइन में छोड़ दिया जाता है।

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