प्रमाण-पत्र शिविरों में भी हो रही परेशानी, छात्र हो रहे परेशान

प्रमाण-पत्र शिविरों में भी हो रही परेशानी, छात्र हो रहे परेशान

Tejinder Singh
Update: 2018-06-10 09:54 GMT
प्रमाण-पत्र शिविरों में भी हो रही परेशानी, छात्र हो रहे परेशान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोगों को राहत दिलाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अश्विन मुद्गल ने शहर के अलग-अलग स्कूल और कॉलेजों में तीन दिवसीय शिविरों का आयोजन किया है। इन शिविरों में विद्यार्थियों को आवश्यक प्रमाणपत्र बनाकर देने की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। लेकिन शिविर में सेवा देने के लिए जिन सरकारी अधिकारी और बाबुओं को लगाया गया है, वे तय समय से आधे से एक घंटा विलंब से पहुंच रहे हैं। इस कारण इन शिविर स्थलों पर भी भीड़ जमने लगी है। आपको बता दें दसवीं और बारहवीं के परिणाम के बाद विद्यार्थियों को आगे की प्रवेश प्रक्रिया के लिए विविध सरकारी प्रमाणपत्रों की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों को जिलाधिकारी कार्यालय के सेतु केंद्र में जाना पड़ता है। इस केंद्र में मई, जून और जुलाई इन तीन महीनें में सर्वाधिक भीड़ होती है। जून महीने में तो यहां पांव रखने की जगह नहीं रहती। यहां की लंबी-लंबी कतारों में घंटों तक अपना नंबर आने का इंतजार करना पड़ता है।

समय पर नहीं पहुंचते अधिकारी
प्रमाणपत्र बनाकर देने के लिए तीन चरणों में शिविरों का आयोजन किया गया है। इसका पहला चरण 8 से 10 जून तक आयोजित किया गया है। पहले चरण में सेंट जॉन हाईस्कूल मोहननगर, आंबेडकर महाविद्यालय दीक्षाभूमि, गजानन विद्यालय अयाेध्यानगर, केशवनगर विद्यालय, जगनाड़े चौक और दादासाहेब धनवटे महाविद्यालय महल में शिविर केंद्र शुरू किए गए हैं। इनमें से अधिकतर केंद्रों में सरकारी टीम समय पर नहीं पहुंच रही है। जिलाधिकारी कार्यालय ने शिविर का समय सुबह 10 बजे से 5 बजे तक रखा है। जबकि अधिकारी और अन्य कर्मचारी 10.30 से 11 बजे से पहले नहीं पहुंचते। इस कारण लोगों की भीड़ जमा हो रही है। जिस परेशानी से लोगों को बचाने के लिए शिविर आयोजित किये गए हैं, वहीं परेशानी शिविर केंद्रों में सरकारी खेमे की मनमानी के कारण झेलनी पड़ रही है।

इन केंद्रों में लोगों को अधिक परेशानी हो रही है। शिविर में जो सरकारी लोग सेवा दे रहे हैं, उनमें से अधिकतर लोगों को जानकारी देने से हिचकिचाते हैं। पूछताछ करने वाले लोगों को एक टेबल से दूसरे टेबल पर भेजा जाता है। इस चक्कर में कुछ लोगों के साथ बहस भी हो रही है। महल के महाविद्यालय में जो रसीद 24 रुपए की है, उसके 25 रुपए लिए जा रहे हैं। लोगों से चिल्लर नहीं होने के नाम पर एक रुपए अधिक लिया जा रहा है। यदि दिनभर में 500 लोग आते हैं तो इस व्यक्ति को 500 रुपए प्रतिदिन ऊपरी कमाई हो रही है। इस केंद्र में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के रवैये से लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।

इन प्रमाणपत्रों की होती जरूरत
दसवीं और बारहवीं पास विद्यार्थियों को शपथपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, नॉन क्रीमीलेयर, अधिवास, राष्ट्रीयता आदि प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है। शिविर का दूसरा चरण 15 से 17 जून तक आयोजित किया जाएगा। यह शिविर महात्मा गांधी सेंटिनियल हाईस्कूल जरीपटका, भरत विद्यालय रामनगर, संताजी महाविद्यालय स्नेहनगर, पंडित बच्छराज व्यास विद्यालय मेडिकल चौक, राजेंद्र हाईस्कूल हसनबाग में होंगे। तीसरा चरण 23 से 24 जून को होगा। यह शिविर इंदिरा गांधी हाईस्कूल जवाहरनगर, जिंगलबेल कॉन्वेंट हिवरीनगर, झुनझुनवाला कन्या विद्यालय गांधीबाग, सीपी एंड बेरार हाइस्कूल रविनगर और तिड़के विद्यालय काटोल रोड में होगा। सूत्रों ने बताया कि शिविर में सेवा देने हेतु कुछ काम ठेका पद्धति पर दिया गया है। हर शिविर केंद्र में 20 से 25 लोगों की टीम है। इनमें सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और ठेका पद्धति पर काम करनेवाले लोगों का समावेश है। 

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