खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों को पैकिंग के लिए प्लास्टिक इस्तेमाल की अनुमति 

खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों को पैकिंग के लिए प्लास्टिक इस्तेमाल की अनुमति 

Tejinder Singh
Update: 2018-07-03 14:55 GMT
खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों को पैकिंग के लिए प्लास्टिक इस्तेमाल की अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों को अनाज व किराने के सामान के सीलबंद प्लास्टिक पैकिंग के लिए 50 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाली प्लास्टिक के इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन इस्तेमाल किए जाने वाली प्लास्टिक के आवरण का वजन कम से कम 2 ग्राम से अधिक होना चाहिए। प्रदेश सरकार ने खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों को पैकिंग के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल की अनुमति नियम और शर्तों के साथ दी है। प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग ने इस संबंध में संशोधित अधिसूचना जारी की है।

इसके मुताबिक खुदरा विक्रेता और थोक व्यापारी अनाज और किराने के सामान के लिए अब 50 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल पैकिंग के लिए कर सकेंगे। लेकिन उस प्लास्टिक के आवरण का वजन कम से कम 2 ग्राम से अधिक होना चाहिए। इसके साथ ही उस प्लास्टिक पर उत्पादक का विवरण, कोड नंबर सहित प्लास्टिक का प्रकार और पुनर्खरीदी की जानकारी प्रकाशित करना बंधनकारक होगा। सरकार ने पैकेजिंग मटेरियल उत्पादन करने वाले उद्योग व उनसे जुड़े संगठनों और खुदरा बिक्रेता संगठनों को संयुक्त रूप से ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल में लाई गई प्लास्टिक को पुनर्खरीदी द्वारा इकट्ठा करने के लिए तीन महीने में व्यवस्था बनाने को कहा है।  इसके माध्यम से जमा की गई प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग और निस्तारण सुनिश्चित करना होगा।

सरकार ने 200 मिली से कम पीने के पानी के पीईटी और PETE बोतलों के उत्पादन, खरादी, बिक्री, वितरण, भंडारण व इस्तेमाल पर पूरे राज्य में पाबंदी लगा दिया है। जबकि एक लीटर और 500 मिली क्षमता वाले पानी के पीईटी और PETE बोतलों के इस्तेमाल की अनुमति होगी। ग्राहकों को एक लीटर की बोतल पर 1 रुपए और 500 मिली लीटर के बोतल पर 2 रुपए अतिरिक्त देने होंगे। बोतल वापस करने के बाद यह राशि लौटा दी जाएगी। बोतल के लिए राशि के जमा और वापसी का मूल्य छापना होगा या फिर उत्पादक द्वारा निश्चित की गई पुनर्खरीदी की राशि को बोतल पर छापना होगा। होटल, मॉल, शादी के हॉल, कार्यालय और विभिन्न संस्थानों में प्लास्टिक कचरा इकट्टा करने के लिए स्वतंत्र जगह बनानी होगी। यहां पर जमा होने वाले प्लास्टिक कचरे रीसाइक्लिंग करना संबंधित उत्पादक के लिए बंधनकारक होगा।

प्रदेश में रीसाइक्लिंग न किए जा सकने वाले मल्टीलेयर पैकेजिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। मल्टीलेयर पैकेजिंग में एक स्तर प्लास्टिक का होता है और दूसरा और उससे ज्यादा स्तर कागज, धातू, बोर्ड, एल्युमिनियम फाइल लेमिनेट होता है। जबकि रीसाइक्लिंग किए जा सकने वाले मल्टीलेयर पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक का शत प्रतिशत निस्तारण करना जरूरी है। इस बारे में तीन महीने बाद समीक्षा भी की जाएगी।

सरकार ने ई-कॉमर्स के लिए लगने वाले प्लास्टिक पैकेजिंग मटेरियल को केवल तीन महीने बिक्री करने के लिए छूट दिया है। पर ई-कॉमर्स के लिए उपयोगी प्लास्टिक पैकेजिंग मटेरियल के बजाय पर्यावरण पूरक विकल्प का इस्तेमाल करने को कहा गया है। इसी बीच सरकार ने प्लास्टिक पाबंदी को लागू करने और नियमों के तहत कार्रवाई के लिए रेलवे, मेट्रो, मेरीटाइम बोर्ड और हवाईअड्डा प्राधिकरण को भी अब अनुमति दिया है।
 

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