किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से हिरासत में लेकर पुलिस नहीं दे सकती सजा

कोर्ट ने कहा किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से हिरासत में लेकर पुलिस नहीं दे सकती सजा

Anita Peddulwar
Update: 2021-08-25 04:27 GMT
किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से हिरासत में लेकर पुलिस नहीं दे सकती सजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से हिरासत में लेकर पुलिस कोर्ट से पहले उसे सजा नहीं दे सकती। खासकर भादवि की धारा 420, जिसमें अधिकतम सजा 7 वर्ष है, में तो इसकी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस निरीक्षण के साथ न्या. रोहित देव की खंडपीठ ने एमपीआईडी प्रकरण में आरोपी राज मोहम्मद मुमताज चौधरी को 16 हजार के पीआर बांड और मुचलके पर जमानत दे दी। गड़चिरोली की देसाईगंज पुलिस में आरोपी के खिलाफ भादवि 420 व एमपीआईडी के तहत एफआईआर दर्ज है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने कई गरीब महिलाओं को सुनहरी योजना में निवेश के नाम पर चूना लगाकर कुल 1.41 करोड़ रुपए की रकम जुटाई थी। पिछले वर्ष 1 जुलाई से वह जेल में है। इस मामले में सरकारी पक्ष ने हाईकोर्ट को बताया कि निचली अदालत में अब तक आरोपी के खिलाफ दोष तय नहीं हुए हैं, प्रकरण में करीब 150 गवाह हैं। हाईकोर्ट के पूछने पर सरकारी पक्ष निश्चत गवाह नहीं बता पाया। कोर्ट ने यह भी देखा कि आरोपी की कोई अापराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. मीर नगमान अली ने पक्ष रखा।

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