किसान आंदोलन पर छाया सियासी रंग
किसान आंदोलन पर छाया सियासी रंग
टीम डिजिटल,उज्जैन . मध्य प्रदेश में 1 से 10 जून तक चलने वाले किसान आंदोलन पर सियासत का रंग नज़र आने लगा हैं.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ के शिवकांत दीक्षित ने उज्जैन में मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के बाद घोषणा की कि सरकार द्वारा उनकी सारी बातें मान ली जाने पर आंदोलन को स्थगित किया जाता है. वही आंदोलन में अगुआ भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मज़दूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने का ऐलान किया है. उज्जैन में बैठक के बाद तय हुआ कि किसान कृषि उपज मंडी में जो उत्पाद बेचते हैं, उनका 50 फीसदी उन्हें नकद मिलेगा जबकि 50 फीसदी आरटीजीएस के ज़रिए यानी सीधा उनके बैंक खाते में आएगा. ये भी तय हुआ कि मूंग की फसल को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.
किसान संघ के शिवकांत दीक्षित ने घोषणा की कि चूंकि सरकार ने उनकी सारी बातें मान ली हैं इसलिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है.
वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने इस समझौते की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार इस आंदोलन से घबराकर ऐसे हथकंडे अपना रही है, वहीं भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि हड़ताल उनके संगठन ने शुरू की थी और खत्म भी वही करेंगे.
ये मांगें मानीं
- सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदेगी। प्रति किलो के आठ रुपए दिए जाएंगे। खरीदी अगले सप्ताह से शुरू होकर जून अंत तक चलेगी।
- गर्मी की मूंग भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी।
- सब्जी मंडियां भी मंडी अधिनियम में लाई जाएंगी.