रामटेक में तय नहीं हो पाए उम्मीदवार, नहीं दिख रहा कोई उत्साह

रामटेक में तय नहीं हो पाए उम्मीदवार, नहीं दिख रहा कोई उत्साह

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-18 08:58 GMT
रामटेक में तय नहीं हो पाए उम्मीदवार, नहीं दिख रहा कोई उत्साह

डिजिटल डेस्क,नागपुर। रामटेक लोकसभा क्षेत्र के लिए चुनावी हलचल तेज नहीं हो पाई है। फिलहाल राजनीतिक दलों के उम्मीदवार ही तय नहीं हो पाए हैं। सांसद कृपाल तुमाने को भी शिवसेना ने फाइनल नहीं किया है। कांग्रेस की ओर से मुकुल वासनिक का नाम चर्चा में है, लेकिन कांग्रेस में भी चुनाव तैयारी खास नजर नहीं आ रही है। माना जा रहा है कि 20 मार्च के बाद ही क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो पाएगी। इस बीच यह भी खबर है कि शिवसेना में नए दावेदार सामने आने लगे हैं। यहां तक कि भाजपा नेता व कन्हान पिपरी नगर परिषद के अध्यक्ष शंकर चहांदे को भी दावेदार माना जा रहा है। चहांदे समर्थकों के अनुसार वे भाजपा शिवसेना गठबंधन के तहत शिवसेना के निशान पर भी चुनाव लड़ने काे तैयार हैं। उधर सांसद तुमाने शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं। 

नरसिंह राव ने दो बार किया प्रतिनिधित्व 

लोकसभा क्षेत्र शिवसेना का गढ़ बन गया है। इसके पहले यह कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। रामटेक क्षेत्र से सबसे पहले सांसद कृष्णराव देशमुख बने थे, जिसके बाद 1962 में माधवराव पाटील और 1967 एवं 1971 में अमृत सोनार ने लोकसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था। जिसके पश्चात 1974 में निर्दलीय राम हेडाऊ, 1977 एवं 1980 में जतीराम बर्वे तथा 1984 में पी.वी. नरसिंह राव लगातार दो बार रामटेक लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। 1999 में जहां शिवसेना के सुबोध मोहिते ने यहां जीत हासिल की लेकिन, बाद में उन्होंने लोकसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया। 2007 में हुए उपचुनाव में प्रकाश जाधव ने शिवसेना की जीत बरकरार रखी। जिसके पश्चात यह सीट आरक्षित होने से कांग्रेस के मुकुल वासनिक ने शिवसेना के कृपाल तुमाने को 20 हजार वोटों से हराया था, लेकिन 2014 में तुमाने ने वासनिक को हराकर अपनी हार का बदला लिया था।  यहां की जनता इस बार किसे अपनी प्रतिनिधित्व बनाती है यह तो समय ही बताएगा।

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