राज्यपाल का रुख साफ होते ही गरमाई सियासत

आरक्षण विधेयक  राज्यपाल का रुख साफ होते ही गरमाई सियासत

Sanjana Namdev
Update: 2022-12-11 11:37 GMT
 राज्यपाल का रुख साफ होते ही गरमाई सियासत

डिजिटल डेस्क , रायपुर। राज्यपाल अनुसूईया उइके द्वारा शनिवार को आरक्षण संशोधन विधेयकों पर अपना रुख साफ करते ही सियासत गरमा गई है। भाजपा नेे राज्यपाल की चिंता को उचित बताते हुए सरकार पर जल्दबाजी में बिल लाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इसके उलट राज्यपाल पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि राजभवन में अटके दोनों आरक्षण संशोधन विधेयकों पर अपना रूख साफ करते हुए राज्यपााल ने कहा था कि ‘ इन विधेयकों में केवल आदिवासी समाज का आरक्षण बढ़ाया गया होता तो उन्हें हस्ताक्षर करने में कोई दिक्कत नहीं थी। सरकार ने सबका आरक्षण बढ़ा दिया। ऐसे में उनका एकदम से बिना सोचे-समझे हस्ताक्षर करना ठीक नहीं होगा।’ 

भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

पूर्व नेता प्रतिपक्ष धर्मलाला कौशिक ने कहा, बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ है। हम लोगों ने उसमें सहयोग भी दिया है। उन्होंने कहा, जहां तक राज्यपाल का संबंध है तो उनको इन सारी बिंदुओं को जानने का अधिकार है कि क्या स्थिति आगे बनेगी और सरकार उसका क्या समाधान निकालेगी। इधर कांग्रेस ने भाजपा पर आरक्षण विधेयक लटकाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, राज्यपाल का जो बयान आया है लगभग वही बयान भाजपा के सारे नेताओं ने दिया है। भाजपा के कुछ नेता तो विभिन्न समाजों के साथ मिलकर राज्यपाल से बिल पर हस्ताक्षर नहीं करने का ज्ञापन तक देकर आए हैं। इससे यह साफ हो रहा है कि भाजपा नहीं चाहती है कि इस विधेयक पर महामहिम हस्ताक्षर करें। उन्होंने कहा, राज्यपाल को अगर विधेयकों से कहीं कोई दिक्कत है तो अपनी टिप्पणी के साथ उसे सरकार को वापस भेजें। 

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