सागर के तालाब की जमीन पर रसूखदारों का कब्जा, जांच में खुलासा

मध्य प्रदेश सागर के तालाब की जमीन पर रसूखदारों का कब्जा, जांच में खुलासा

IANS News
Update: 2021-12-08 08:30 GMT
सागर के तालाब की जमीन पर रसूखदारों का कब्जा, जांच में खुलासा

डिजिटल डेस्क, सागर/भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की पहचान है लाखा बंजारा झील (तालाब)। इस तालाब का आकार साल दर साल सिकुड़ता जा रहा है। इसकी वजह अतिक्रमण माना जा रहा है। हाल ही में तालाब की नाप-जोख में खुलासा हुआ है कि 36 लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। इनमें कई रसूख वाले लोग भी है।

सागर का यह तालाब बीचों बीच स्थित है । उसके सौंदर्यीकरण के लिए सरकार की योजनाओं पर अमल हो रहा है, मगर इस तालाब के चारों ओर कब्जे और प्रदूषित पानी के साथ गंदगी मिलने की बातें सामने आती रही है। इस मामले केा लेकर जया ठाकुर ने राष्टीय हरित न्यायालय (एनजीटी) का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कमेटी बनाकर जांच के निर्देश जारी हुए थे।

याचिकाकर्ता जया ठाकुर के अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने बताया कि सागर की लाखा बंजारा झील में अतिक्रमण हो रहा था। इस मामले केा लेकर जया ठाकुर ने एनजीटी में एक याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने एक कमेटी का गठन किया था। इस समिति के निर्देश दिए थे कि पुराने नक्शे के हिसाब से सीमांकन की कार्रवाई पूरी करें और जिन लोगों ने कब्जा किया है, उन्हें बेदखल किया जाये। साथ ही दूषित पानी को तालाब में जाने से रोका जाए।

बताया गया है कि मध्यप्रदेश सरकार ने एनजीटी के समक्ष रिपोर्ट पेश की है, उसमें माना गया कि करीब 36 लोगों ने कब्जा कर रखा है और 5447 वर्ग मीटर जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। कब्जाधारियों में पूर्व सांसद के बेटे का नाम भी है। जांच दल की रिपोर्ट में कहा गया है कि अतिक्रमण चार दशक से ज्यादा पुराने है और इन स्थानों पर पक्के और स्थाई निर्माण कार्य हो चुके है। सूात्रों का कहना है कि जांच केा हुए दो माह का वक्त गुजर गया है, मगर अब तक अतिक्रमण करने वालो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सागर जिला बुांदेलखंड के प्रमुख शहरों में शुमार करता है। यह संभागीय मुख्यालय भी है। यहां के इस तालाब का क्षेत्रफल 159 हेक्टेयर से ज्यादा है, मगर लगातार सिकुड़ता जा रहा है, जिससे लोग चिंतित भी है। बुंदेलखंड की पहचान कभी पानीदार इलाके के तौर पर रही है। यहां के लगभग हर इलाके में तालाब और अन्य जलस्त्रोत हुआ करते थे मगर धीरे-धीरे खत्म हेाते गए। सागर के इस तालाब पर भी धीरे-धीरे अतिक्रमण बढ़ रहा है।

(आईएएनएस)

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