बीस साल से मकरकुंड में बिजली सप्लाई बंद, पूरा गांव हो रहा परेशान

बीस साल से मकरकुंड में बिजली सप्लाई बंद, पूरा गांव हो रहा परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-31 15:54 GMT
बीस साल से मकरकुंड में बिजली सप्लाई बंद, पूरा गांव हो रहा परेशान

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/तामिया। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले पतामिया ब्लॉक की ग्राम पंचायत बोदलकछार के मकरकुंड गांव में लगभग 20 साल से बिजली सप्लाई बंद है। यहां सालों पहले बोदलकछार से 7 खंभे गाड़कर घरों तक बिजली पहुंचाई गई थी। ग्रामीणों को सालों बाद बिजली की सुविधा मिली थी, लेकिन तेज आंधी तूफान से लाइन के 3 खंभे टूट गए  तभी से यहां पर सप्लाई बंद हैं। बजली कंपनी अब तक यहां खंभे नहीं लगा सकी है।
42 परिवार का है गांव-
बोदलकछार ग्राम पंचायत के मकरकुंड गांव में 42 परिवार हैं। यहां की आबादी 265 है। इस गांव की नई पीढ़ी प्राइमरी से हाईस्कूल में पहुंच गई लेकिन उन्हें घर में बिजली के बल्ब की रोशनी में पढने का मौका नहीं मिला। महज कुछ बिजली के खंभों की कमी के कारण लगभग 20 साल से बस्ती में बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है। दरअसल चावलपानी से बोदलकछार के लिए बिजली सप्लाई के लिए लाइन से मकरकुंड गांव के लिए अलग लाइन दी गई। मकरकुंड गांव से 3 किमी दूर बोदलकछार में लोगों को बिजली की सुविधा सालों से निर्बाध मिल रही है, लेकिन मकरकुंड के लोग बिजली से वंचित हैं। यहां के लोग कई बार जिला स्तरीय समस्या निवारण शिविर सहित जनप्रतिनिधियों के दरबार में अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं।
सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत-
सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की गई लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। यहां के किसान खेतों में सिंचाई करने के लिए डीजल इंजन का उपयोग करते हैं। ये किसान चावलपानी से 75 रुपए प्रतिलीटर डीजल खरीदकर इंजन चलाते हैं। इससे इनकी लागत आम किसानों से दोगुना होती है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली कंपनी के जेई दो साल से यहां पदस्थ हैं वे अब तक दो बार गांव में आए हैं।
इनका कहना है...
मेरी उम्र 25 साल है मैंने अभी तक अपने गांव में बिजली नहीं देखी। कई बार शिकायत की लेकिन बिजली विभाग में कोई सुनवाई नहीं हुई।
शैलेश ठाकुर, मकरकुंड

मैंने कई बार जेई प्रजापति से मोबाइल पर लाइन चालू करने के लिए बात की। हर बार जेई साहब ने एक ही जवाब दिया कि ये ठेकेदार का काम है।
अदनसिंह सुईयाम, ग्रामीण मकरकुंड

डीजल का रेट 75 रुपए प्रतिलीटर है। 1 घंटे में इंजन में 3 लीटर डीजल की खपत होती है। एक एकड़ में सिंचाई के लिए चार से पांच घंटे इंजन चलाना पड़ता है।
नरेश ठाकुर, मकरकुंड

जिम्मेदारों का कहना-
मकरकुंड गांव की सप्लाई लाइन के तार चोरी हो गए हैं। लाइन की मरम्मत के लिए विभागीय बजट आ गया है। जल्द ही बिजली आपूर्ति बहाल की जाएगी।
द्वारका प्रसाद प्रजापति, जेई झिरपा।

Similar News