संघ के पास हैं अवैध हथियार,  भागवत के खिलाफ हो मकोका के तहत कार्रवाईः प्रकाश आंबेडकर

संघ के पास हैं अवैध हथियार,  भागवत के खिलाफ हो मकोका के तहत कार्रवाईः प्रकाश आंबेडकर

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-16 12:38 GMT
संघ के पास हैं अवैध हथियार,  भागवत के खिलाफ हो मकोका के तहत कार्रवाईः प्रकाश आंबेडकर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा  कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। उन्होंने कहा कि हमें आशंका है कि यह हथियार बगैर लाइसेंस के अवैध हैं। इसलिए शस्त्र प्रतिबंध कानून के तहत आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की जाए। मंगलवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से चर्च करते हुए  आंबेडकर ने कहा कि बीते 11 अक्टूबर को हमने आरएसएस के हथियारों के खिलाफ आंदोलन किया था। उन्होंने दावा किया कि संघ के पास आटोमैटिक गन, टॉमी गन्स, शोल्डर फायर गन, एके 47 रायफल जैसे हथियार हैं।

आंबेडकर ने कहा कि सुरक्षा बल जिन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते वैसे हथियार संघ के पास कैसे हो सकते हैं? उन्होंने कहा कि हम पूजा का विरोध नहीं करते हमारा विरोध हथियारों से है। अब संघ से साफ किया है कि वह शस्त्रों की पूजा नहीं करेगा। इसलिए उसके पास जो शस्त्र हैं, उसे पुलिस के पास जमा किया जाए और इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जिसके नाम पर ये हथियार हैं, उनके पास इसका लाइसेंस है? उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो नागपुर के पुलिस आयुक्त के खिलाफ भी कारर्वाई होनी चाहिए। अवैध हथियारों के लिए सर संघचालक मोहन भागवत के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।          

सरकारी परिसर में अब नहीं लग सकेंगी महापुरुषों की प्रतिमाएं
अब राज्य के सरकारी कार्यालय और शासकीय विश्राम गृह परिसर में किसी महापुरुष की प्रतिमा स्थापित नहीं हो पाएगी। इससे अब सरकारी परिसर में नई प्रतिमाएं दिखाई नहीं देगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने हाल ही में शासनादेश जारी किया हैदरअसल राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के पास सरकारी कार्यालयों और शासकिय विश्राम गृह परिसरों में महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाए जाने के लिए विभिन्न संगठनों की मांग लंबे समय से लंबित हैं।

पीडब्लूडी को सरकारी कामकाज व कार्यालय के विस्तार आदि के लिए जमीन की जरूरत पड़ती रहती है। ऐसे में यदि यह जगह प्रतिमाएं लगाने के लिए दे दी जाएंगी तो पीडब्लूडी को अपने जरूरी कार्यों के लिए जमीन का अभाव हो जाएगा। साथ ही किसी को प्रतिमा लगाने के लिए अनुमति दी जाएगी और किसी को नहीं तो इससे भी विवाद पैदा होगा। इसके अलावा महापुरुषों की प्रतिमाओं के साथ असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़छाड किए जाने पर कानून व्यवस्था के लिए भी समस्या पैदा हो जाती है। इसलिए अब सरकार ने प्रतिमाओं से पल्ला झाड़ लिया है।  


 

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