अब MH-CET भी ऑनलाइन करने की तैयारी,  मई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होगी एग्जाम

अब MH-CET भी ऑनलाइन करने की तैयारी,  मई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होगी एग्जाम

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-12 07:54 GMT
अब MH-CET भी ऑनलाइन करने की तैयारी,  मई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होगी एग्जाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में उच्च पाठ्यक्रमों में होने वाली JEE और NEET जैसी ऑनलाइन एग्जाम की फेहरिस्त में अब महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग, फार्मेसी और कृषि जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (MH-CET) भी अब ऑनलाइन मोड में आयोजित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।

बदलाव के लिए मांगे गए हैं सुझाव
जानकारी के अनुसार आगामी MH-CET एग्जाम मई माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होगी। एग्जाम  के मोड में होने वाले इस बड़े बदलाव के मद्देनजर राज्य कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल ने स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और विशेषज्ञों से अपनी वेबसाइट www.mahacet.org पर सुझाव मांगे हैं। बता दें कि प्रदेश में हर साल करीब 3 लाख स्टूडेंट्स MH-CET की एग्जाम देते हैं। जेईई एग्जाम की तुलना में MH-CET एग्जाम  में कठिनाई जरा कम होती है, इसलिए स्टूडेंट्स से इसे भरपूर प्रतिसाद मिलता है। लेकिन अब धीरे-धीरे एग्जाम का पैटर्न अन्य प्रवेश एग्जाम्स की ही तरह किया जा रहा है। जेईई, नीट जैसी एग्जाम्स ऑनलाइन होती हैं, तो अब MH-CET को भी ऑनलाइन करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। 

विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर सुधारने प्रयास
उल्लेखनीय है कि राज्य में तीन लाख, तो हर साल नागपुर विभाग के छ: जिलों (नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गड़चिरोली) के करीब 130 एग्जाम सेंटरों पर 40 हजार के करीब  स्टूडेंट्स यह एग्जाम  देते हैं। इंजीनियरिंग में प्रवेश के इच्छुक स्टूडेंट्स को गणित (पेपर-1) और फिजिक्स-केमिस्ट्री (पेपर-2) हल करना अनिवार्य होता है। इसी तरह फार्मेसी में प्रवेश के इच्छुक स्टूडेंट्स को फिजिक्स-केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी (पेपर-3) हल करना अनिवार्य होता है। गणित के पेपर के लिए 100 अंक, फिजिक्स-केमिस्ट्री के लिए 50-50 अंक और बायोलॉजी का 100 अंकों का पेपर लिया जाता है। राज्य सरकार एंट्रेंस एग्जाम के मद्देनजर स्टूडेंट्स का शिक्षा स्तर भी सुधारने के प्रयास कर रही है। इसके लिए 10वीं कक्षा से लेकर 11वीं और 12वीं कक्षा तक की परीक्षा प्रणाली में आंशिक बदलाव किए गए हैं। बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरने की उम्मीद की जा रही है।
 

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