सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में सीटी स्कैन के लिए मरीजों मिल रही तारीख पर तारीख

  सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में सीटी स्कैन के लिए मरीजों मिल रही तारीख पर तारीख

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-04 10:39 GMT
  सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में सीटी स्कैन के लिए मरीजों मिल रही तारीख पर तारीख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जहां गंभीर बीमारियों का इलाज शीघ्र अपेक्षित है। वहीं अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का सही उपयोग नहीं किए जाने से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।  सीटी स्कैन और एक्स-रे विभाग में पर्याप्त कर्मचारी रहने के बावजूद उनका सही उपयोग नहीं हो पाना इस बात का गवाह है। दो वर्ष पहले टेक्नीशियन की कमी के चलते दो शिफ्ट में चल रहे इस विभाग का कामकाज एक शिफ्ट में किया गया। 

यवतमाल से तबादला होकर 2 नए टेक्नीशियन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दाखिल हो चुके हैं। टेक्नीशियन की कमी पूरी हो गई, लेकिन कामकाज एक ही शिफ्ट में चल रहा है। सुबह 8 से शाम 4 बजे तक एक शिफ्ट में सीटी स्कैन, एक्स-रे निकाला जाता है। रोज 50 से अधिक मरीजों का सीटी स्कैन, एक्स-रे करने की जरूरत पड़ती है। जबकि एक शिफ्ट में 30 से 40 मरीजों का सीटी स्कैन, एक्स-रे किया जाता है। सीटी स्कैन, एक्स-रे विभाग में 8 टेक्नीशियन कार्यरत हैं। सूत्र बताते हैं कि इतने स्टाफ में दो शिफ्ट में काम किया जा सकता है। जबकि अस्पताल के मुखिया का कहना है, सब कुछ "ऑल इज वेल" है।

करनी पड़ती है प्रतीक्षा सीटी स्कैन व एक्स-रे विभाग में क्षमता से अधिक मरीज आते हैं। एक शिफ्ट में सभी का सीटी स्कैन व एक्स-रे नहीं हो सकता। इसलिए मरीजों को अगली तारीख देकर बुलाया जाता है। बीमारी गंभीर रहने के बावजूद रोग निदान के लिए सीटी स्कैन, एक्स-रे कराने सप्ताहभर प्रतीक्षा करनी पड़ती है। गंभीर बीमारी का समय पर रोग निदान नहीं होने से मरीज की जान पर बन आने का खतरा बना हुआ है।

मरीजों की जेब पर अतिरिक्त बोझ
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में विदर्भ, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा आंध्रप्रदेश के मरीज इलाज कराने आते हैं। डॉक्टर के चेक-अप करने के बाद यदि उन्हें सीटी स्कैन, एक्स-रे निकालने की जरूरत पड़ती है, तो उसी दिन उनका काम नहीं होता। उन्हें तारीख दी जाती है, उस तारीख पर आना पड़ता है। उस तारीख पर आने के बाद भी काम होगा भी या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं। दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बार-बार चक्कर काटने पड़ने से उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। पहले से ही बीमारी का दंश झेल रहे मरीज को बार-बार आने-जाने से शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलने पड़ते हैं। 

कोई परेशानी नहीं है
सीटी स्कैन और एक्स-रे सेवा सही चल रही है। इसमें शिफ्ट का कोई मसला नहीं है। किसी को कोई परेशानी नहीं है। -डॉ. मिलिंद फूलपाटील


 

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