सरकार ने निकलवाई नक्सल समर्थक साईबाबा की विजिलेंस रिपोर्ट
सरकार ने निकलवाई नक्सल समर्थक साईबाबा की विजिलेंस रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नक्सल समर्थन के मामले में दोषी पाए गए प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा की सरकार ने विंजिलेंस रिपोर्ट निकलवाई है सरकार को इसकी प्रमाणिकता पर भी संदेह है। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 26 दिसंबर को शहर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अपने तीन निजी चिकित्सकों से चेकअप कराने की अनुमति दी है। लेकिन राज्य सरकार ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दायर की। सरकारी वकील सत्यनाथन ने कोर्ट में दलील दी कि साईबाबा के पसंद के चिकित्सकों की प्रामाणिकता पर सरकार को संदेह है। सरकार ने इन तीनों की विजिलेंस रिपोर्ट निकलवाई है, और बेहतर होगा कि इन्हें साईबाबा से मिलने न दिया जाए। ऐसे में सरकार ने कोर्ट को अपना आदेश वापस लेने की विनती की। मामले से सभी पक्षों को सुनने के बाद चेकअप रोकने से तो इनकार कर दिया, लेकिन साईबाबा के इलाज पर 8 शर्तें लगा दीं।
अदालत की ये हैं शर्तें
कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि साईबाबा के निजी चिकित्सक नागपुर के सुपर स्पेशलिटी में दो सरकारी चिकित्सकों की मौजूदगी मंे ही उसका इलाज करेंगे। इस दौरान वे केवल हिंदी या अंग्रेजी में बात करेंगे। किसी प्रकार के कोड वर्ड का इस्तेमाल नहीं करेंगे। सरकार चाहे तो इस दौरान सब कुछ सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड कर सकती है। चिकित्सकों को केवल चेकअप की अनुमति होगी, कोई ऑपरेशन करने या दवा देने की नहीं। चेकअप के सारे उपकरण भी सरकारी अस्पताल ही देगा। निजी चिकित्सकों की तलाशी ली जाएगी, ताकि वे अंदर कोई हथियार या उपकरण न ले जा सकें। सरकार चाहे तो चेकअप रूम में पुलिस नियुक्त कर सकती है। चिकित्सकों को कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सुबह 10.30 से दोपहर 3.30 बजे मंे ही साईबाबा का चेकअप करना होगा।
ये चिकित्सक इलाज करेंगे
बीती सुनवाई में साईबाबा ने तीन निजी चिकित्सकों के नाम हाईकोर्ट को दिए थे, जो नागपुर आकर उसका इलाज करने के लिए राजी हैं। इसमें एम्स दिल्ली के डॉ. हजीत भट्टी, तेलंगाना स्थित काजीपेठ के डॉ. एन.प्रसाद और खम्मम (तेलंगाना) के डॉ. गोपीनाथ का नाम है। ऐसे में हाईकोर्ट ने 26 दिसंबर 2018 को शहर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सुबह 10.30 से दोपहर 3.30 बजे तक इन चिकित्सकों को साईबाबा का चेकअप करने को कहा है।
कोर्ट ने साईबाबा की विनती पर उसकी पत्नी एस.एस.वसंथा कुमारी और भाई जी. रामादेवुडु को भी उनके साथ उपस्थित रहने की अनुमति दी है। साथ ही कोर्ट ने मेडिकल अस्पताल के डीन को अपने दो सरकारी चिकित्सकों को इस टीम के साथ उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। बता दें, गड़चिरोली जिला व सत्र न्यायालय ने प्रो. जी.एन. साईबाबा और अन्य पांच को नक्सलियों की मदद करने का दोषी पाया है। साईंबाबा ने हाइकोर्ट में गड़चिरोली सत्र न्यायालय के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दे रखी है। साईबाबा को गॉल ब्लैडर की शिकायत है। उसने हाईकोर्ट में अर्जी दायर करके जेल प्रशासन पर उसके इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर अपना इलाज निजी चिकित्सक से कराने की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मामले में साईबाबा की ओर से एड. वरुण कुमार ने पक्ष रखा।