प्रो. सांईबाबा का नक्सलियों से संबंध, जेठमलानी लड़ेंगे मुकदमा, 18 को सुनवाई

प्रो. सांईबाबा का नक्सलियों से संबंध, जेठमलानी लड़ेंगे मुकदमा, 18 को सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-20 12:06 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर नक्सलियों से संबंध के दोषी प्रोफेसर जीएन सांईबाबा समेत प्रशांत राही, विजय तिरकी और अन्य आरोपियों को गड़चिरोली सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में प्रशांत राही और विजय तिरकी ने जमानत के लिए नागपुर खंडपीठ की शरण ली। दोनों आरोपियों की ओर से नागपुर खंडपीठ में वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी और नित्या रामकृष्णन पक्ष रखेंगे। सरकार की ओर से महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी और पी. साईनाथन पैरवी करेंगे। बुधवार को इस मामले में नागपुर खंडपीठ में हुई सुनवाई 18 अगस्त तक स्थगित की गई है।

 

गड़चिरोली पुलिस ने दिल्ली के जेएनयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हेम मिश्रा को अगस्त 2013 में महेश तिरकी और पांडू नरोटे के साथ अहेरी से गिरफ्तार किया था। हेम मिश्रा से पूछताछ के बाद पुलिस ने सितंबर 2013 में प्रशांत राही काे भी गिरफ्तार किया। नक्सली नेता गणपति व नर्माद अक्का और प्रोफेसर साईबाबा के बीच मध्यस्थता करने का दावा पुलिस की ओर से किया गया। 23 दिसंबर 2015 को साईबाबा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था।

यह है मामला

गड़चिरोली जिला व सत्र न्यायालय ने प्रोफेसर जीएन सांईबाबा और अन्य 5 को नक्सलियों की मदद करने का दोषी पाया है। न्यायालय ने प्रोफेसर साईबाबा, हेम मिश्रा, प्रशांत राही, महेश तिरकी, पांडू नरोटे को उम्रकैद और विजय तिरकी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। निचली अदालत ने देश विरोधी गतिविधियों और प्रतिबंधित संगठन के सदस्य होने का दोषी पाया था।

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