सिविल सर्जन कार्यालय के सामने शव रखकर प्रदर्शन, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

सिविल सर्जन कार्यालय के सामने शव रखकर प्रदर्शन, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-17 19:19 GMT
सिविल सर्जन कार्यालय के सामने शव रखकर प्रदर्शन, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। स्थानिय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय के सामने एक ४५ वर्षिय महिला का शव रख बुधवार को प्रदर्शन किया गया। ऑपरेशन के बाद मरिज की मौत होने के लिए अस्पताल की डाक्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक महिला के परिजनों ने शिवसेना की मदद से डाक्टर पर निलंबन की कार्रवाई व मामले की सघन जांच की मांग की। जिससे कुछ समय के लिए सीएस कार्यालय परिसर में तनाव की स्थिती बनी थी। शिवसेना के संदिप गीर्हे, विसापुर के पूर्व सरपंच भारत जीवने, प्रदिप गेडाम आदि के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान शिवसेना नेता गीर्हे ने कहा कि डा. दिप्ती श्रीरामे ने इस ऑपरेशन में लापरवाही बरती। उनपर निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही मृतक के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए।

क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला ऐसा है कि बल्लारपुर तहसिल के विसापुर निवासी मथुरा रमेश जावरे को २५ सितंबर को भर्ती किया गया था। उसके बाद अस्पताल की चिकित्सक डा. दिप्ती श्रीरामे ने मृतक मथुरा की जांच की। सिटी स्कैन करने के बाद उसके पेट मे एक गठान दिखी। उसके बाद ऑपरेशन की तैयारी की गयी। इसके लिए पैथॉलॉजी से सारी रिपोर्ट मंगायी गयी। इसी दौरान दो गठाने होने की बात सामने आयी। ऑपरेशन ठिक हुआ। ४ दिन मरिज ठिक ही रही। उसके बाद अचानक अंदरुनी समस्याएं उभरी। यहां इसपर इलाज ना होने की स्थिती में मरिज को नागपुर रेफर किया गया। जहां उसकी बुधवार को मौत हो गयी।

परिजनों की शिकायत
सिविल सर्जन को लिखित शिकायत करते हुए परिजनो ने बताया कि संबंधित डाक्टर की लापरवाही के कारण ही मथुरा की मौत हो गयी है। इसकी जांच कर डाक्टर को निलंबित किया जाना चाहिए। साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर की जानी चाहिए। २५ सितंबर को मथुरा को चंद्रपुर अस्पताल के वार्ड क्र. ९ में भर्ती करने के बाद ५ अक्तूबर को ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन सहीं ढंग से नहीं हुआ वहीं यह असफल होने के कारण मरिज को अंत समय में नागपुर रेफर करवाया गया। जहां १७ अक्तूबर को उसकी मौत हो गयी। यह शिकायत शिवसेना उपशहर प्रमुख प्रदिप गेडाम के माध्यम से दी गयी।

डाक्टर ने यू दी सफाई
संबंधीत मरिज का इलाज कर रही डा. दिप्ती श्रीरामे ने बताया कि हमने जांच में एक गठान पायी। ब्लड रिपोर्ट आने तक दो गाठ होने की बात सामने आयी। पैथलॉजी रिपोर्ट आने में विलंब हुआ। कैन्सर की संभावना दिखी फिर भी हमने ऑपरेशन सफल किया। फिर अंतर्गत समस्याएं उपजी। जिसे देखते हुए उसे नागपुर रेफर किया गया था।

कोअर फंड से दिया मुआवजा
बुधवार को शव रख कर प्रदर्शन करने के बाद उपजे तनाव मे अस्पताल प्रबंधन ने शिवसेना नेता व मरिजों के परिजनों से चर्चा करते हुए १० हजार रुपए मुआवजा देने की बात स्वीकार की। इसके लिए कोअर फंड से राशि का प्रावधान किया गया। प्रबंधन ने बताया कि मरिज की कमजोर आर्थिक स्थिती में मद्देनजर यह मदद राशि प्रदान की गयी है। 

 

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