भीमा कोरेगांव हिंसा : नजरबंद रहेंगे 3 आरोपी कार्यकर्ता, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

भीमा कोरेगांव हिंसा : नजरबंद रहेंगे 3 आरोपी कार्यकर्ता, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-26 11:54 GMT
भीमा कोरेगांव हिंसा : नजरबंद रहेंगे 3 आरोपी कार्यकर्ता, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

डिजिटल डेस्क, पुणे। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए पुणे सेशन कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ये तीनों आरोपी वर्नोन गॉनजैल्विस, अरुण फेरेरा और सुधा भारद्वाज हैं, जो की वर्तमान में नजरबंद हैं। इन तीनों आरोपियों की नजरबंदी शुक्रवार को ही खत्म होने वाली थी, मगर कोर्ट के फैसले के बाद इनकी हिरासत बढ़ा दी गई है। बता दें कि इस पूरे मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने पांच कार्यकर्ताओं वर्नोन गॉनसैल्विस, सुधा भारद्वाज, वरवर राव, अरुण फेरेरा और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया था।

बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक FIR दर्ज की थी। इसी FIR के आधार पर पुलिस ने पांचों आरोपियों को 28 अगस्त के दिन अपनी हिरासत में ले लिया था। उसके बाद से ये कार्यकर्ता नजरबंद थे। हालांकि गौतम नवलखा को दिल्ली हाई कोर्ट ने रिहा कर दिया था। मामले में दो अन्य आरोपियों गौतम नवलखा और प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े की भी गिरफ्तारी होनी है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उक्त दोनों की गिरफ्तारी पर 26 अक्टूबर तक फैसला ना लेने की बात कही थी।

गौरतलब है कि साल 2018 की शुरुआत में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में जातीय हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 1 की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में हिंसा फैल गई थी। इस पूरे मामले में पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए महाराष्ट्र, झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में जगह-जगह छापेमार कार्रवाई की थी। इस पूरे मामले में नक्सलियों के हाथ होने की भी बात सामने आई थी।

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