हाईकमान से सिद्धू की मुलाकात के बाद पंजाब में एक्टिव हुए CM अमरिंदर, आज विधायकों को लंच पर बुलाया

हाईकमान से सिद्धू की मुलाकात के बाद पंजाब में एक्टिव हुए CM अमरिंदर, आज विधायकों को लंच पर बुलाया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-01 06:20 GMT

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। पंजाब कांग्रेस में चल रही सियासी हलचल के बीच आज (गुरुवार) मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी विधायक और समर्थकों को लंच पर बुलाया है। दरअसल, कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से हुई मुलाकात के बाद पंजाब में कैप्टन अमरिंदर एक्टिव हो गए हैं और इस सियासी लंच के जरिए हाईकमान को अपनी ताकत दिखना चाहते हैं। आज होने वाले इस सियासी लंच पर हर किसी की नज़रें हैं। क्योंकि खुद अमरिंदर सिंह कई बार नवजोत सिंह सिद्धू को कोई अहम पद देने से इनकार करते आए हैं, ऐसे में अब क्या होता है। ये देखने वाली बात होगी। 

बीते दिन (बुधवार) सिद्धू ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सामने उन्होंने अपना पक्ष रखा। खबर है कि सभी बातें सुनने के बाद प्रियंका ने सिद्धू को जो ऑफर दिया है, उसे उन्होंने मान लिया है। वहीं, हाईकमान के साथ सिद्धू की मुलाकात कैप्टन को रास नहीं आ रही है। कैप्टन सिद्धू को मिलने वाली बड़ी जिम्मेदारी के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कई बार मीडिया में खुलकर सिद्धू को बड़ा पद देने से इनकार किया है। 

सिद्धू को लेकर कांग्रेस हाईकमान जल्द ही कोई बड़ा ऐलान कर सकती है, जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में अब हर किसी की नजर कांग्रेस के इसी ऐलान पर आ टिकी है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने पंजाब के विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था। पंजाब के तमाम नेताओं ने कमेटी के सामने अपनी बात रखी थी। तब ये बात सामने आई थी कि जुलाई के पहले हफ्ते में कांग्रेस आलाकमान इस मसले का हल कर सकता है। 

बता दें कि सिद्धू ने लंबे वक्त से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था, हाल ही में पंजाब को लेकर हलचल बढ़ी है, क्योंकि अगले साल राज्य में चुनाव होने हैं। पिछले हफ्ते पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सांसद प्रताप सिंह बाजवा और मनीष तिवारी ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य इकाई में बढ़ रहे अंदरूनी कलह के बाद की स्थिति से अवगत कराया था। दरअसल, कांग्रेस के लिए पंजाब महत्वपूर्ण राज्य है, क्योंकि यहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है। अगर गुटबाजी बनी रही तो इसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आलाकमान इसे जल्द से जल्द खत्म करना चाहता है।

 

 

 

Tags:    

Similar News