पुण्य इतना कमाओ कि प्रभु और गुरु दोनों भक्त का इंतजार करें- सुवीरसागर
पुण्य इतना कमाओ कि प्रभु और गुरु दोनों भक्त का इंतजार करें- सुवीरसागर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुण्य इतना कमाओ कि प्रभु और गुरु दोनों भक्त का इंतजार करें। यह उद्गार आचार्य सुवीरसागर ने अपने प्रवचन में श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर सूर्यनगर के मैदान में आयोजित सिद्धचक्र विधान में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भक्तों को रोज पहले देव पूजा करनी चाहिए, फिर पेटपूजा। शुद्धिपूर्वक भगवान की आराधना करेंगे तो फल मिलेगा। अच्छे लोगों के संगति में अच्छे बनोगे और बुरे लोगों के संगति में बुरे। भगवान का दर्शन करते वक्त भगवान बनने की भावना होगी तो भगवान बनोगे।
गुरु का दर्शन करते वक्त गुरु बनने के भाव होंगे, तो गुरु बनोगे। कर्मों का आश्रव जीवों के लिए बहुत प्रकार से होता है। सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने की चेष्टा करें। सम्यग्दर्शन जैसा कोई मित्र नहीं है। धवला गं्रथराज में लिखा है कि जिनेंद्र भगवान का दर्शन करने मात्र से निधत्ति और निकाचित कर्मों का क्षय हो जाता है। जिनवाणी पढ़ने से प्राणी मात्र का कल्याण हो जाता है। उसी का परिणाम है कि हम सूर्यनगर में सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ कर विश्व के लिए कल्याण की भावना भा रहे हैं।
सब के लिये सुख शांति प्राप्त हो यही मंगल आशिर्वाद। इस अवसर पर विधायक कृष्णा खोपडे व टेकचंद सावरकर तथा निशा सावरकर, सूर्यनगर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष हजारीलाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष पवन भालोटीया, मंत्री दादाराव येरपुडे, दिलीप अग्रवाल ने आचार्यश्री को श्रीफल चढ़ा आशीर्वाद प्राप्त किया। चित्र अनावनण और दीपप्रज्वलन सौधर्म इंद्र अनिल जैन, इंन्द्राणी मीना जैन एवं भक्तों ने किया। चरण प्रक्षाल पाठशाला के बच्चों ने किया। संचालन मंत्री दिनेश जैन ने किया। प्रमुखता से मुन्नालाल जैन, विधान में सम्मिलित इंन्द्र इन्द्राणी, हीराचंद मिश्रीकोटकर, सुधीर सावलकर व विपुल कासलीवाल उपस्थित थे।
भागवत कथा कल से
श्री सप्तऋषि सोपीनाथ महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से मां शारदा सोसायटी, शैलेश नगर, वाठोड़ा रिंग रोड में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन 10 से 17 दिसंबर तक किया जाएगा। कथा का समय 2.30 से 6.30 रखा है। श्रीमद् भागवत कथा का सरस रसपान चित्रकूट, हंसकुटी के स्वामी संकर्षणाचार्य महाराज कराएंगे। मंगल कलश यात्रा 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे हनुमान मंदिर सालासर विहार से निकलकर कथा स्थली तक जाएगी। कथा के मुख्य यजमान रमाकांत सीताराम अग्रवाल व सुनीता अग्रवाल हैं।