ऐश की कीमत हो सकती है दोगुनी, ठेकेदारों ने किया अवैध भंडारण

ऐश की कीमत हो सकती है दोगुनी, ठेकेदारों ने किया अवैध भंडारण

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-16 05:33 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  ऐश (राख) की कीमत बढ़ने की हलचल से जमाखोर ठेकेदारों ने राख का भंडारण शुरू कर दिया है जिससे सड़क पर राख पट गई है। आने वाले दिनों में मकान निर्माणकार्य की कीमतें और बढ़ सकती हैं। ईंटों में इस्तेमाल होने वाली राख (ऐश) की कीमत दोगुनी हो सकती है। इस तरह की जानकारी पिछले माह लगते ही ऐश ले जाने वाले ठेकेदारों के बीच भूचाल आ गया। उन्होंने आनन-फानन में दिन-रात एक कर ऐश का भंडारण शुरू कर दिया। यहां तक जहां भी खाली प्लाट और जहां जगह मिली, वहीं राख जमा करने लगे।

खासतौर से इंडोरामा से रोजाना सैकड़ों टन राख उठाकर उसे बुटीबोरी एमआईडीसी ले जाया जा रहा है।  आस-पास की सड़कें राख से पट गईं हैं। यहां वाहन चलाना भी मुश्किल हो गया है। सड़कें जाम होने से एक बाइक सवार को पिछले दिनों ट्रक की चपेट में आकर अपनी जान तक गंवानी पड़ी। वहीं अवैध तरीके से जमा राख के कारण अास-पास लोगों को सांस लेने तक में परेशानी हो रही है। फेफड़ों में राख के कण घुल रहे हैं, लेकिन न महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) और न महाराष्ट्र औद्योगिक विकास मंडल (एमआईडीसी) इस पर ध्यान देने तैयार हैं। चर्चा है कि राख की कीमत 50 रुपए प्रति टन से 100 रुपए प्रति टन होने वाली है।

खानापूर्ति कर रहा है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हो रहा है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इंडोरामा कंपनी को राख के निपटारे के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। राख को ट्रकों में ले जाते समय उसे ताड़पत्री से पूरी तरह कवर करना, उसे उतारते समय और जमा करते समय पूरी सुरक्षा बरतना, राख के कण परिसर में न फैलें, उसके लिए उपाय करना आदि दिशा-निर्देश दिए हैं, लेकिन ठेकेदार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। खुले ट्रकों में ही राख का परिवहन कर उसे कहीं भी बेखौफ उतारा जा रहा है। एमआईडीसी क्षेत्र में अन्य लोगों के खुले प्लाट और सड़कों पर इसे अवैध तरीके से भंडारण किया जा रहा है। सड़कों पर इस तरह बिछाया गया है कि समझ में नहीं आती है कि यह सड़क है या कच्चा रास्ता। रास्तों पर तीन-तीन फीट तक राख का ढेर लग गया है। 

जगह-जगह डाल रखी है ऐश
बुटीबोरी स्थित इंडोरामा सिंथेटिक कंपनी से रोजाना सैकड़ों टन राख निकलती है। इसे उठाने के लिए बाकायदा ठेका दिया गया है। चार-पांच अलग-अलग ठेकेदारों को इसका ठेका है। बुटीबोरी एमआईडीसी क्षेत्र का कुछ हिस्सा इस राख के भंडारण के लिए आधिकारिक रूप से आवंटित किया गया है। इसे लाल ईंटें बनाने के उपयोग में लाया जाता है।   फिलहाल राख प्रति टन 50 रुपए बिक रही है। आने वाले दिनों में इस राख के दाम बढ़ने की चर्चा है। इसकी कीमत दोगुनी यानी 100 रुपए तक जाने की संभावना है।  इससे आवासों की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसका फायदा उठाने के लिए ठेकेदारों की लॉबी सक्रिय हो गई है। आधिकारिक रूप से दी गई एमआईडीसी की जगह कम पड़ने से अब उन्होंने क्षेत्र के अन्य खाली प्लाट और सड़कों पर राख का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। 

मौके पर फील्ड ऑफिसर भेजेंगे 
इंडोरामा सिंथेटिक कंपनी को इस बाबत लिखित में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। राख का निपटारा करते समय क्या-क्या करना है। अगर नियमों का उल्लंघन हो रहा है और पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है, तो हमारे फील्ड ऑफिसर घटनास्थल पर भेजकर इसकी जांच की जाएगी। अब तक हमारे पास इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है।  -राहुल वानखेडे, प्रादेशिक अधिकारी, एमपीसीबी 

Similar News