रेलकर्मियों को मिलेगा अब कैशलेस उपचार, वाराणसी के टाटा कैंसर अस्पताल में होगी पूरी व्यवस्था

रेलकर्मियों को मिलेगा अब कैशलेस उपचार, वाराणसी के टाटा कैंसर अस्पताल में होगी पूरी व्यवस्था

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-15 08:53 GMT
रेलकर्मियों को मिलेगा अब कैशलेस उपचार, वाराणसी के टाटा कैंसर अस्पताल में होगी पूरी व्यवस्था

डिटिजल डेस्क, जबलपुर। रेलवे कर्मचारी अब वाराणसी के टाटा कैंसर अस्पताल में अपना उपचार करा सकेंगे। व्यवस्था के तहत पश्चिम मध्य रेलवे सहित देश के तमाम वे रेल कर्मी, उनके परिजन या सेवानिवृत्त कर्मचारी कैंसर के रोग का उपचार वाराणसी के टाटा कैंसर हास्पिटल में कैशलेस करा सकेंगे। टाटा कैंसर अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल की बागडोर रेलवे से रेलवे के बाद कैशलेश व्यवस्था पर रोक लगा दी थी, लेकिन रेलवे बोर्ड के हस्तक्षेप के बाद एक बार फिर यह सुविधा कैंसर मरीजों को मिल गई है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी स्थित कैंसर हास्पिटल का प्रबंधन पहले रेलवे के ही पास था और वही इसे पूरी तरह से संचालित करता था। इस व्यवस्था के प्रारंभ होने के बाद पीडि़त रेल कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।

कर्मचारी संगठनों ने किया था विरोध
रेलवे के तमाम हास्पिटलों द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारी व रेल कर्मचारी, उनके परिजनों को मुंबई के अलावा वाराणसी कैंसर हास्पिटल में ही उपचार के लिए रेफर करता था, जहां पर कैशलेस उपचार किया जाता था, किंतु बाद में वाराणसी के इस कैंसर हास्पिटल का निजीकरण करते हुए टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट को सौंप दिया था। कुछ समय तक तो टाटा प्रबंधन द्वारा कैशलेस उपचार किया जाता था, किंतु बाद में इस पर रोक लगा दी, जिसका पुरजोर विरोध शुरू हो गया।  इस मामले में लगातार श्रमिक संगठनों द्वारा रेलवे बोर्ड पर दबाव बनाया जाता रहा, जिसके बाद पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने कैशलेस उपचार की व्यवस्था बहाल कर दी।

सीएमएस का रेफर लेटर जरूरी होगा
नई व्यवस्था में रेलकर्मी, सेवानिवृत्त या कर्मियों व रिटायर कर्मियों के आश्रितों को कैंसर अस्पताल में इलाज के लिए अपने-अपने मंडल रेलवे अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से वाराणसी मंडल पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी के नाम रेफर लेटर, रोगी का चार फोटो और मेडिकल कार्ड देना जरूरी होगा। यदि रेफर लेटर उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा

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