विदर्भ में जमकर बरसे मेघ, कई स्थान हुए जलमग्न, मौसम में घुली ठंडक

विदर्भ में जमकर बरसे मेघ, कई स्थान हुए जलमग्न, मौसम में घुली ठंडक

Tejinder Singh
Update: 2018-09-21 16:52 GMT
विदर्भ में जमकर बरसे मेघ, कई स्थान हुए जलमग्न, मौसम में घुली ठंडक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कमोबेश इस पूरे माह तरसाने के बाद शुक्रवार को मेघ फिर अपने पुराने अंदाज में घुमड़ते नजर आए। गुरुवार रात को ही बूंदाबांदी और बादलों अफरा-तफरी ने आगाज कर दिया था कि शुक्रवार को मेघ पूरे जोश में बरसेंगे। सुबह से ही बादलों की चहल पहल आसमान में शुरू थी। सूरज बादलों के पीछे था, लेेकिन नमी की अधिकता के चलते लोग पसीने से तर-बतर हो रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे बरसात ने जोर पकड़ा। करीब 3 घंटे मेघ जमकर बरसे। मौसम विभाग के अनुसार रात 8:30 बजे तक 39.4 मिमी (1.55 इंच) इसके बाद ही कुछ राहत नसीब हुई। हालांकि हल्की फुहारें देर शाम तक जारी रहीं। वर्षा के चलते चरम पर पहुंचा पारा 7 डिग्री नीचे गिर गया। इससे लोगों को राहत मिली। ओडिशा और आंध्र तट पर बना डीप डिप्रेशन कुछ ऊपर की ओर उठा और तेजी से आगे की ओर बढ़ते हुए पूर्वी विदर्भ पर आ विराजा। ब्रह्मपुरी पर स्थित इस चक्र के चलते विदर्भ, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना में कई स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई।

अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार चक्र अब कुछ शिथिल हुआ है और उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि शनिवार को मेघों का पलायन जारी रहेगा। बीच बीच में बौछारें आ सकती है। धूप-छांव के भी आसार हैं। रविवार तक आसमान के साफ होने के आसार हैं। 

शुक्रवार का मौसम
शुक्रवार को अधिकतम तापमान गुरुवार की अपेक्षा 7 डिग्री गिरकर 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री नीचे रहा। बादलों के चलते रात के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान गुरुवार की अपेक्षा 2 डिग्री ऊपर चढ़कर 25.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 2 डिग्री ऊपर रहा। शाम आते आते नमी चरम पर पहुंच गई। आर्द्रता सुबह 84 प्रतिशत थी, जो शाम आते आते 100 प्रतिशत पर पहुंच गई। 

अगर थमे तो अच्छा, नहीं तो खराब
वर्तमान में धन और सोयाबीन की फसल खड़ी हुई है। शुक्रवार यह पानी धान के लिए अच्छा है। सोयाबीन को भी लाभ होगा, क्योंकि अभी फल्ली में दानों का भरना जारी है। अगर वर्षा लगातार दो-तीन दिन जारी रही, तो फिर सोयाबीन खराब होने की आशंका बन सकती है। एक-दो दिन का पानी लाभ ही देगा।
विजय वरफडे-कृषि विशेषज्ञ
 

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