रामदास कदम की दो टूक, बोले- गठबंधन के लिए उपदेश न दें भाजपा नेता

रामदास कदम की दो टूक, बोले- गठबंधन के लिए उपदेश न दें भाजपा नेता

Tejinder Singh
Update: 2018-10-26 16:13 GMT
रामदास कदम की दो टूक, बोले- गठबंधन के लिए उपदेश न दें भाजपा नेता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी चुनावों के लिए भाजपा की तरफ से गठबंधन करने की तमाम कोशिशों के बावजूद शिवसेना अपने सहयोगी दल को तवज्जो देने को तैयार नहीं है। शिवसेना नेता व प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को गठबंधन के बारे में शिवसेना को उपदेश देने की जरूरत नहीं है। पाटील ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में शिवसेना का भाजपा से यदि एक विधायक भी ज्यादा चुना गया तो अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का बनेगा। शुक्रवार को कदम ने कहा कि राजस्व मंत्री पाटील शिवसेना को नहीं चलाते हैं। वह भाजपा के नेता है। इसलिए उन्हें अपने दल के बारे मे सोचना चाहिए।

शिवसेना का फैसला करने के लिए पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे सक्षम हैं। उद्धव ही आगामी चुनावों को लेकर भाजपा से गठबंधन करने को लेकर अंतिम फैसला करेंगे। कदम ने कहा कि पाटील शिवसेना के लिए जो बातें अभी कह रहे हैं। वो चार साल पहले क्यों नहीं कही। उस वक्त विधानसभा चुनाव के समय शिवसेना नेताओं को चर्चा के लिए बुलाकर भाजपा के नेता पिछले दरवाजे से चुपचाप निकल गए। उस समय पाटील को यह बातें क्यों याद नहीं आई। इससे पहले पाटील ने कहा था कि गठबंधन के लिए शिवसेना को मैं मीडिया के माध्यम से खुला प्रस्ताव देता हूं। विपक्ष को रोकने के लिए भाजपा और शिवसेना का गठबंधन होना जरूरी है। यदि चुनाव में शिवसेना के ज्यादा विधायक चुने जाते हैं तो उद्धव ठाकरे जिन्हें कहेंगे वह ही मुख्यमंत्री बनेगा। 

मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं आने की धमकी 

विदर्भ और मराठवाड़ा के बाद अब कोंकण के नेता सिंचाई के मुद्दे पर आक्रामक नजर आ रहे हैं। शिवसेना के मंत्री रामदास कदम ने बीते राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पश्चिम महाराष्ट्र के कोयना नदी का 67 टीएमसी पानी कोंकण के जिलों को देने की मांग की थी। कदम ने कहा कि विदर्भ में 9.50 प्रतिशत, मराठवाड़ा में 10 प्रतिशत और पश्चिम महाराष्ट्र में 18 प्रतिशत सिंचाई क्षमता है। लेकिन कोंकण में सबसे ज्यादा बारिश होने के बावजूद केवल 1 प्रतिशत सिंचाई क्षमता है। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से कोंकण में सिंचाई के लिए पानी देने की मांग की है। मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि इस पर फैसला नहीं हुआ तो मैं राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में नहीं आऊंगा। इस पर मुख्यमंत्री ने अगले छह महीने में फैसला करने का ठोस आश्वासन दिया है। 

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