रेप पीड़िता ने हाईकोर्ट से मांगी गर्भपात कराने की अनुमति, 13 जून को अगली सुनवाई

रेप पीड़िता ने हाईकोर्ट से मांगी गर्भपात कराने की अनुमति, 13 जून को अगली सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-08 07:49 GMT
रेप पीड़िता ने हाईकोर्ट से मांगी गर्भपात कराने की अनुमति, 13 जून को अगली सुनवाई

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में एक रेप पीड़िता ने याचिका दायर कर गर्भपात कराने की अनुमति मांगी है। जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने सीएमओ खंडवा को निर्देश दिए है कि 11 जून को मेडिकल बोर्ड से जांच कराकर रिपोर्ट पेश करें कि पीड़िता कितने सप्ताह का गर्भ है। बेंच ने रिपोर्ट के साथ यह भी अभिमत मांगा है कि क्या पीड़िता का गर्भपात कराया जा सकता है। याचिका की अगली सुनवाई 13 जून को नियत की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आनंद दत्त मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी पीड़िता को बलात्कारी की अवैध संतान को जन्म देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

खंडवा के पुनासा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती की ओर से याचिका दायर कर बताया गया कि 30 मार्च 2018 को उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। इस मामले की एफआईआर 20 अप्रैल को की गई थी। उसे कुछ दिन बाद पता चला कि वह गर्भवती है। 27 अप्रैल को जब उसकी एमएलसी कराई गई तो पता चला कि उसे 6 से 7 सप्ताह का गर्भ है। उसने कलेक्टर को आवेदन देकर गर्भपात की अनुमति मांगी, लेकिन कलेक्टर ने उसे अनुमति नहीं दी। इसके बाद उसने खंडवा के एडीजे के समक्ष गर्भपात के लिए आवेदन दिया। एडीजे ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील आनंद दत्त मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी पीड़िता को बलात्कारी की अवैध संतान को जन्म देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। मिश्रा ने कहा कि कानूनी तौर पर भी 12 से 20 सप्ताह के गर्भ को गर्भपात कराने की अनुमति दी जा सकती है। सुनवाई के बाद बेंच ने सीएमओ खंडवा को निर्देश दिया कि 11 जून को मेडिकल बोर्ड से जांच कराकर रिपोर्ट पेश की जाए कि पीड़िता को कितने सप्ताह का गर्भ है। क्या पीड़िता का गर्भपात कराया जा सकता है।

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