यूनिवर्सिटी में शिक्षकों का टोटा, रिचेकिंग के लिए अब लेंगे विशेषज्ञों का सहारा

यूनिवर्सिटी में शिक्षकों का टोटा, रिचेकिंग के लिए अब लेंगे विशेषज्ञों का सहारा

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-17 07:46 GMT
यूनिवर्सिटी में शिक्षकों का टोटा, रिचेकिंग के लिए अब लेंगे विशेषज्ञों का सहारा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय को एग्जाम में रिचेकिंग के लिए भारी समस्या से गुजरना पड़ रहा है। विषय शिक्षक रिचेकिंग के लिए पहुंचने से किनारा कर रहे हैं। इसके समाधान स्वरूप नागपुर यूनिवर्सिटी अब विषय के विशेषज्ञों को रिचेकिंग के लिए बुलाने पर मंथन चल रहा है। शिक्षकों की जगह पर ऐसे लोग जिन्हें विषय की अच्छी खासी जानकारी है और लंबे समय से इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं, उन्हें रिचेकिंग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

यूनिवर्सिटी परेशान
जानकारी के मुताबिक, यूनिवर्सिटी को रिचेकिंग कार्य के लिए मूल्यांकनकर्ता ढूंढने में भारी परेशानी हुई। जिन शिक्षकों को यूनिवर्सिटी ने रिचेकिंग के लिए आमंत्रित किया, उनमें से अनेक इसके लिए आए ही नहीं। रिचेकिंग में सहयोग न करने वाले में साइंस फैकल्टी के प्राध्यापकों की सबसे ज्यादा संख्या रही। बता दें इसके पूर्व एग्जाम के बाद परिणाम में हो रही देरी के चलते यूनिर्सिटी सुर्खियों में आया था । इस बार रिजल्ट समय पर घोषित किए गए लेकिन अब यह एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है।

यह है नियम
दरअसल, यूनिवर्सिटी का नियम है कि एक बार जिस शिक्षक ने किसी विषय के पेपर की जांच की है, रिचेकिंग  के लिए दोबारा उसी शिक्षक को आमंत्रित नहीं किया जा सकता। ऐसे में विषय के अन्य शिक्षक से रिचेकिंग कराना पड़ता है। 

गहराया मामला
गत 6 सिंतबर को यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रेजुएट एडमिशन का आखिरी दिन था। जिन विद्यार्थियों के ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के नतीजे जारी हुए थे, उनमें से अनेकों ने परिणाम से असंतुष्टि जाहिर करते हुए रिचेकिंग के लिए आवेदन किया था। मगर इधर यूनिवर्सिटी ने 31 अगस्त तक जो रिचेकिंग के नतीजे जारी करने का लक्ष्य रखा था, उसे पूरा नहीं कर पाया। 

इसके चलते हुआ यह
रिचेकिंग के नतीजे देरी से आए और कई विद्यार्थी प्रवेश से चूक गए। इस कारण उन्होंने आंदोलन का सहारा लिया। ऐसे में अब यूनिवर्सिटी इस समस्या को हल करने के लिए विशेषज्ञों का सहारा ले सकता है। 

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