सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन से मरीजों को रिएक्शन, 11 मरीजों की हालत बिगड़ी

सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन से मरीजों को रिएक्शन, 11 मरीजों की हालत बिगड़ी

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-20 10:16 GMT
सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन से मरीजों को रिएक्शन, 11 मरीजों की हालत बिगड़ी

डिजिटल डेस्क, तुमसर(भंडारा)। सुभाषचंद्र बोस उपजिला रुग्णालय में  सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब मरीजों को इन्जेक्शन देने के उपरांत तबीयत बिगडऩे लगी। करीब 11 मरीजों को इन्जेक्शन देते ही ठंड लगने के बाद बुखार आने के साथ ही चक्कर आना, बेहोशी छाना तथा रक्तचाप बढ़ने की शिकायत मिली। चिकित्सकों ने स्थिति पर नियंत्रण तो पा लिया किंतु उसी समय यह बात भी सामने आई कि यह स्थिति बुधवार की रात भी  हुई थी किंतु उस समय किसी भी चिकित्सक ने स्थिति का जायजा नहीं लिया । जांच के उपरांत पता चला कि दिए गए एन्टीबायोटिक इन्जेक्शन का यह  रिएक्शन था।

उल्लेखनीय है कि बारिश व उष्णता के चलते वायरल ज्वर से पीडि़त मरीजों का सरकारी अस्पताल में तांता लगा हुआ है।  ऐसे मरीजों को  ओमेक्स-क्लाम नामक एन्टीबायोटिक इन्जेक्शन दिए जाते हैं।  वार्ड क्रमांक पांच व छह के मरीजों  को   एन्टीबायोटिक के इन्जेक्शन दिए गए। इन्जेक्शन के बाद उनकी हालत बिगडऩे लगी। चाणक्य मेश्राम(2), कविता पडोले(28) निला वाढीवे(30), सरस्वती चन्ने(60), कमला नान्हे(35) रेखा अवसरे(22), पदमा कुंभरे(50), संगीता शेंडे(25), मोनु रहांगडाले(25), मिरा ठाकरे(44), शारदा डोंगरे(55) की हालत बिगड़ती देख तत्काल चिकित्सकों को बुलाया गया जिन्होंने स्थिति पर नियंत्रण पाया।

बुधवार की शाम भी हुआ था रिएक्शन
मरीजों ने बताया कि बुधवार रात भी उन्हें  इन्जेक्शन देने के बाद उनकी ऐसी ही हालत बिगड़ी थी। यह इन्जेक्शन डयूटी पर उपस्थित नर्स ने लगाया किंतु हालत बिगडऩे पर मरीजों की सुध लेने कोई नहीं पहुंचा। नर्स को बताने के पश्चात उन्होंने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। चिकित्सकों को बुलाना तो दूर स्वयं भी मरीजों की जांच नहीं की। आरोप लगाए जा रहे हैं कि  नर्स ने रात के समय मरीजों को मौत के मुंह तक पहुंचा दिया था किंतु किस्मत ने साथ दिया और रात में काई अनहोनी नहीं हुई।

मामले की जांच चल रही है
जंतु संसर्ग से पिडि़त मरीजों को दिए जाने वाले इंजेक्शन को डाइल्यूट करने की मात्रा में कम ज्यादा होने की वजह से यह स्थिति आई। फिलहाल दवा के इस्तेमाल को रोककर अन्य दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में है।  मामले की जांच जारी है।
(कल्पना मेश्राम, वैद्यकीय अधीक्षक, उपजिला रुग्णालय, तुमसर)
 

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