काई के कारण हुआ हरा हुआ अमलनाला डैम का पानी, अब की जाएगी सफाई
काई के कारण हुआ हरा हुआ अमलनाला डैम का पानी, अब की जाएगी सफाई
डिजिटल डेस्क, गडचांदुर(चंद्रपुर)। कोरपना व राजुरा तहसील सीमा पर कोरपना तहसील के मानोली गांव स्थित अमलनाला डैम के पानी का इस माह के आरंभ में अचानक हरे हो जाने की खबर से क्षेत्रवासी समेत शासन -प्रशासन तक चिंतित हो उठे थे। इस संबंध में प्रशासन ने पानी के नमूने जांच के लिए राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान(नीरी),नागपुर में भेजे थे। जांच के पश्चात नीरी ने पानी के हरा होने का कारण डैम के विशेष हिस्से में काई के अधिक मात्रा में निर्माण होना बताया। इसी के साथ नीरी ने डैम के उस स्थान पर जहां प्रतिदिन बड़े पैमाने पर मछली की बिक्री के लिए कटाई के पश्चात अनुपयोगी अवशेष को डैम में फेंक दिया जाता है, उसकी सफाई करने की जरूरत जताई है।
उल्लेखनीय है कि 1 सितंबर की देर शाम को अमलनाला के पानी का अचानक हरा हो जाने का समाचार क्षेत्र में फैलने के साथ ही 2 सितंबर को कोरपना व राजुरा तहसीलदार, सिंचाई विभाग आदि ने अमलनाला के पानी के नमूने जांच के लिए भिजवाए थे। इस दरम्यान समाचार मिलने पर जिले के पालकमंत्री ने पानी की जांच नीरी से करवाने के लिए जिलाधीश को निर्देश दिए थे। फलस्वरूप 4 सितंबर को आकर राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान(नीरी), नागपुर ने डैम का अवलोकन कर 5 स्थानों से पानी के नमूने जांच के लिए एकत्रित किए थे।
बता दें कि इस विषय को दैनिक भास्कर ने उठाते हुए 6 सितंबर को उल्लेेख किया था कि मछली के अवशेष डैम में अधिक मात्रा में फेंके जाने से यह काई के बढऩे के लिए न्यूट्रीशन का काम करता है। डैम से उसी की सफाई करवाने की आवश्यकता पर नीरी ने बल दिया। सिंचाई विभाग के अभियंता ओचावार ने बताया कि सावधानी बरतते हुए उन्होंने डैम के उस हिस्से की सफाई करवा दी है और अब पानी अपने पूर्व स्वरुप में लौटकर साफ हो गया है। राजुरा तहसीलदार होली व कोरपना तहसीलदार हरीश गाडे ने विचार करते हुए पूर्व में ही डैम के उस हिस्से की सफाई करने का निर्देश सिंचाई विभाग को दे दिए थे।