किताब, ड्रेस के नाम पर मोटी रकम वसूली, शिक्षा विभाग से शिकायत

किताब, ड्रेस के नाम पर मोटी रकम वसूली, शिक्षा विभाग से शिकायत

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-07 05:30 GMT
किताब, ड्रेस के नाम पर मोटी रकम वसूली, शिक्षा विभाग से शिकायत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  ।  नागपुर के कुछ स्कूलों ने गजब की मनमानी की। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्रवेश लिए बच्चों तक से शुल्क वसूल लिया। शिक्षा विभाग को शिकायत मिली तो पोल खुली। पहले तो ऐसे स्कूलों को फटकार लगाई गई। इसके बाद शिकंजा कसते हुए शिक्षा विभाग ने 15 दिन के अंदर शुल्क वापस करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी गई है

एक्शन कमेटी को मिली थी शिकायत
आरटीई अंतर्गत प्रवेश दिए गए विद्यार्थियों से शालेय उपक्रम, गणवेश, पुस्तकों के नाम पर मोटी फीस वसूल किए जाने के 3 मामले सामने आए हैं। अभिभावकों ने आटीई एक्शन कमेटी से इसकी शिकायत की। एक्शन कमेटी ने मनपा के शिक्षा विभाग को स्कूलों की अवैध वसूली से अवगत कराया। शिक्षा विभाग ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई में एक शिक्षा संस्थान की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ। दो शिक्षा संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित हुए, लेकिन उन्होंने शुल्क वसूली से इनकार किया। अभिभावकों ने फीस वसूल किए जाने के सबूत पेश किए। बाकायदा शिक्षा विभाग को रसीद तक दिखाई। शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूलों को जमकर फटकार लगाई। 15 दिन में फीस लौटाने के निर्देश दिए। जो स्कूल फीस नहीं लौटाएगा, उसकी मंजूरी रद्द करने की चेतावनी दी गई।

निर्मल इंग्लिश स्कूल, खरबी
जान्हवी मेंढे को आरटीई अंतर्गत पहली कक्षा में प्रवेश दिया गया था। स्कूल प्रबंधन की ओर से पालक से फोन पर संपर्क साधा गया और शालेय उपक्रम के नाम पर 3460 रुपए जमा करने के लिए कहा गया। फीस जमा नहीं करने पर विद्यार्थी का प्रवेश रद्द करने की धमकी दी गई। सुनवाई में शिक्षा संस्थान की ओर से कोई भी प्रस्तुत नहीं हुआ। पालक की शिकायत सही मानकर संबंधित स्कूल प्रबंधन को फीस लौटाने के आदेश दिए गए।

रॉय इंग्लिश स्कूल, हिंगना रोड
उज्ज्वला गारखे को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 3000 रुपए वसूल किए गए। आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थी से फीस वसूली करने पर शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी देकर, विद्यार्थी को फीस वापस करने के आदेश दिए।

प्रेरणा स्कूल, मानेवाड़ा रोड
मनोज रहांगडाले को आरटीई अंतर्गत प्रवेश दिया गया। पहली से तीसरी कक्षा तक उससे ट्यूशन फीस और गणेवश के लिए 8818 रुपए फीस वसूल किए गए। सुनवाई में स्कूल प्रतिनिधि उपस्थित हुए। स्कूल ने विद्यार्थी से फीस वसूल करने से इनकार किया। पालक ने फीस जमा करने पर स्कूल से दी गई रसीदें दिखाईं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को फटकार लगाई। वसूल की गई फीस वापस करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया।

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