ड्रग्स माफिया आबू खान प्रकरण में दो और पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

ड्रग्स माफिया आबू खान प्रकरण में दो और पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-14 07:26 GMT
ड्रग्स माफिया आबू खान प्रकरण में दो और पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। क्राइम ब्रांच में कार्यरत दो विवादित सिपाहियों को हटाकर उन्हें पुलिस मुख्यालय में अटैच किया गया है। इन दोनों सिपाहियों के कॉल डिटेल शहर के ड्रग्स माफिया आबू उर्फ फिरोज खान के मोबाइल से बरामद हुए थे। दोनों पुलिसकर्मी उसके मोबाइल पर बार-बार फोन कर उससे संपर्क में बने रहते थे। क्राइम ब्रांच के इन दोनों सिपाहियों का नाम नायब सिपाही दया बिसंद्रे और मिलिंद नारसने है। यह दोनों पुलिस कर्मी काफी विवादित रहे हैं और जोन-3 के क्राइम दस्ते में कार्यरत थे। सूत्र बताते हैं कि दया पिछले करीब 15 वर्ष के कार्यकाल में महंगी कार से घूमता रहा  है।

चर्चा है कि यह वसूली के मामले में काफी कुख्यात हो गया था। इसके पहले भी दया ने क्राइम ब्रांच से हटाए जाने पर जुगाड़ लगाकर वापस क्राइम ब्रांच में आने में सफल हो  गया था। दया और मिलिंद के पहले आबू से संबंध रखने के मामले में 6 पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है, जिसमें  पुलिस उपनिरीक्षक शरद शिंपणे, निलेश पुरभे, साजिद मोवाल, मनोज ओरके, हवलदार श्‍याम मिश्रा आैर सबसे अधिक विवादित पुलिस सिपाही जयंता सेलोट शामिल हैं। ड्रग्स माफिया के साथ इन पुलिस वालों के संबधों से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर उंगली उठने लगी है।
 
आखिर इन पर रहम क्यों? 

सूत्रों के अनुसार कुछ वर्ष पहले आरोपियों से सांठ-गांठ के मामले में पुलिसकर्मी विकास मैदमवार पर मकाेका की कार्रवाई की गई थी। करीब 14 साल तक वह डयूटी से दूर रहा। इसी तरह धावडे बंधुओं को उनके घर ले जाकर खाना खाने में मदद करने के आरोप में पुलिसकर्मी कुलदीप पेटकर नामक सिपाही पर 311 की कार्रवाई के अंतर्गत नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। नागरिकों का सवाल है िक फिर ड्रग्स माफिया आबू खान से संबंध रखने वाले उक्त पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों पर इतना रहम क्यों किया जा रहा है। जबकि इन पुलिस कर्मियों का कार्यकाल काफी विवादित रहा है।

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