बैगा महिलाओं को नहीं मिली सहायता राशि, कैसे होगा कुपोषण मुक्त प्रदेश

बैगा महिलाओं को नहीं मिली सहायता राशि, कैसे होगा कुपोषण मुक्त प्रदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-24 08:57 GMT
बैगा महिलाओं को नहीं मिली सहायता राशि, कैसे होगा कुपोषण मुक्त प्रदेश

डिजिटल डेस्क, शहडोल। कुपोषण से मुक्ति के लिए बैगा परिवारों की महिलाओं को हर माह एक हजार रुपए दिए जाते हैं। यह राशि सीधे उनके खातों में आती है। मध्य प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2017 में योजना की शुरुआत की थी। योजना को शुरू हुए छह माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक अधिकतर बैगा महिलाओं को एक रुपए नहीं मिले हैं। इन्हें अपने खातों में पैसे आने का इंतजार है।

योजना की शुरुआत दिसंबर में हो गई थी, लेकिन हितग्राहियों के सर्वे का काम इसके बाद शुरू किया गया। जिले में मुख्य रूप से गोहपारू और सोहागपुर विकासखंंड में बैगा आदिवासी रहते हैं। जिले में इनकी आबादी 46327 है। इनमें से 35596 सोहागपुर ब्लॉक में हैं, जबकि 10731 गोहपारू ब्लॉक में। यानि कुल आबादी की करीब 76 फीसदी जनसंख्या सोहागपुर ब्लॉक में रहती है और 24 फीसदी जनसंख्या गोहपारू ब्लॉक में। सर्वे के आधार पर योजना का लाभ पाने के लिए करीब 24 हजार परिवार चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 70 फीसदी से अधिक लोगों को अभी तक एक माह का भुगतान भी नहीं किया गया है।

एक करोड रुपए बांटे थे
मार्च माह में जब मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह बैगा सम्मेलन में शामिल होने शहडोल आए थे तब योजना के तहत करीब एक करोड़ 10 लाख रुपए हितग्राहियों के खातों में सीएम के कार्यक्रम से एक दिन पहले ट्रांसफर किए गए थे। हालांकि इनमें से भी कुछ लोगों के खातों में राशि नहीं पहुंची थी, क्योंकि उनके खाते नंबरों में कुछ गड़बड़ी थी। बाद में इन लोगों को एक-एक कर भुगतान किया गया।

किसी को नहीं  मिली पूरी राशि
योजना शुरू होने के बाद से अभी तक किसी को भी पूरी राशि नहीं मिली है। किसी को एक माह का भुगतान हुआ है तो किसी को दो माह का। अधिकतर एक को अभी एक भी रुपए नहीं मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे में चिन्हित किए गए 24250 परिवारों का सत्यापन चल रहा है। इनमें से 18000 का सत्यापन हो चुका है। जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद उनके खातों में राशि डाली जाएगी।

रोज चेक करते हैं खाता
सोहागपुर जनपद के ग्राम पंचायत सिंहपुर से करीब 35 महिलाओं का चयन सर्वे मेें किया गया है। किसी के खाते में अभी एक भी रुपए नहीं आए हैं। ये लोग रोजाना अपना खाता चेक करते हैं। जिनको पैसे मिलने हैं उनमें उर्मिला बैगा पति प्रेमलाल, बुलिया पति कल्लू बैगा, मुन्नी पति स्व. मेन्ना, जमुनी पति छोटे बैगा, लीला पति कृष्णा, दुरसिया पति मंगल बैगा, अइतबरिया पति अमनलाल, बुद्धि पति मुन्ना, गुल्ली पति बाबूलाल, सावित्री भैयालाल, सुखबरिया पति रामनाथ, बुल्लू पति सोमनाथ, प्रेमिया पति नत्थू, तेरसिया पति बिसाले समेत करीब 35 महिलाएं शामिल हैं।

इनका कहना है
जिले में करीब 24 हजार हितग्राही चिन्हित किए गए हैं। जैसे-जैसे राशि मिलती जाती है, उनके खातों में ट्रांंसफर करते जाते हैं।
प्रयास कुमार प्रकाश, परियोजना अधिकारी, बैगा विकास अभिकरण

Similar News