चावल विक्रेताओं को राहत , कर्नाटक के जेएमएफसी कोर्ट का आदेश नागपुर खंडपीठ ने पलटा

चावल विक्रेताओं को राहत , कर्नाटक के जेएमएफसी कोर्ट का आदेश नागपुर खंडपीठ ने पलटा

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-10 04:25 GMT
चावल विक्रेताओं को राहत , कर्नाटक के जेएमएफसी कोर्ट का आदेश नागपुर खंडपीठ ने पलटा

 डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर स्थित दो चावल विक्रेताओं को राहत दी है। कर्नाटक के गंगावटी जेएमएफसी न्यायालय के आदेश पर वहां की पुलिस ने नागपुर में दो व्यापारियों के गोदाम पर छापा मार कर 7139 बोरी चावल जब्त किया था। नागपुर खंडपीठ ने इस पूरी कार्रवाई को अवैध घोषित करके गंगावटी पुलिस को दो सप्ताह में सारा माल नागपुर लाकर व्यापरियों को सौंपने के आदेश दिए हैं। एंजल क्लिक और  नहाटा ट्रेडिंग कंपनी ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। 

यह है मामला 
याचिकाकर्ता के अनुसार, एंजल क्लिक ने दो अन्य ट्रेडर्स से हेरिटेज ब्रांड का चावल खरीदकर उमियां उद्योगिक क्षेत्र में स्थित अपने गोदाम में रखे थे। नहाटा ट्रेडिंग कंपनी ने इसमें से कुछ माल खरीदकर अपने कामठी स्थित गोदाम में रखा था। 24 दिसंबर 2020 को कर्नाटक के गंगावटी पुलिस की एक टीम वहां के जेएमएफसी कोर्ट द्वारा जारी वारंट लेकर नागपुर पहुंची और पारडी पुलिस की मदद से दोनों गोदामों पर छापा मारा। एंजल क्लिक ट्रेडर्स के 6140 बोरी चावल और नहाटा ट्रेडिंग 999 गंगावटी पुलिस ने जब्त कर लिए। बाद में कर्नाटक पुलिस ने चावल की चोरी के मामले में 5 लोगों पर मामला दर्ज किया। इसमें याचिकाकर्ता का नाम शामिल नहीं था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके गंगावटी जेएमएफसी कोर्ट द्वारा जारी जब्ती के आदेश को चुनौती दी। 

हाईकोर्ट को है अधिकार
कर्नाटक और महाराष्ट्र पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि यह मामला नागपुर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र के बाहर का है, ऐसे में हाईकोर्ट को इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। याचिकाकर्ता को अपना माल छुड़वाने के लिए गंगावटी कोर्ट में अर्जी करनी चाहिए थी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सच है कि यह मामला कर्नाटक के गंगावटी में दर्ज हुआ है। वहीं के जेएमएफसी कोर्ट ने वारंट भी जारी किया है, लेकिन वारंट की तामिल नागपुर में हुई है, जो कि नागपुर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में आता है। नागपुर खंडपीठ ने इस आदेश में हाईकोर्ट के अधिकार भी स्पष्ट किए, जिसके अनुसार यदि घटना आंशिक या पूर्ण रूप से हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से जुड़ी हो, तो हाईकोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर के व्यक्ति या सरकार को आदेश जारी कर सकता है। भारतीय संविधान की धारा 226(2) में कोर्ट को ये अधिकार दिए गए हैं। वहीं, इस प्रकरण में गंगावटी जेएमएफसी न्यायालय और पुलिस की कार्रवाई में अन्य कई त्रुटियां पाई गईं। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया है। 

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