धर्म, समाज और शिक्षा जीवन का आधार : गड़करी

वर्धा धर्म, समाज और शिक्षा जीवन का आधार : गड़करी

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-14 10:10 GMT
धर्म, समाज और शिक्षा जीवन का आधार : गड़करी

डिजिटल डेस्क, वर्धा। धार्मिक, सामजिक और शैक्षणिक जीवन मूल्य अपने जीवन का आधार है। यह मूल्य इतिहास, संस्कृति और विरासत से हमें मिलते हैं। इन मूल्यों व संस्कृति से व्यक्तित्व का निर्माण होता है। व्यक्ति के कर्तव्य से समाज के सामने आदर्श व्यक्तित्व निर्माण होता है। पंडित शंकरप्रसाद अग्रिहोत्री ने शिक्षा जैसे पवित्र कार्य से विद्यार्थियों को जीवन की दिशा देने का कार्य कर उससे समाज के सामने अनेक आदर्श व्यक्तित्व तैयार किए हैं। पंडितजी माता महाकाली के भक्त होकर उन्हें माता का आशीर्वाद प्राप्त है। महाकाली धर्मतीर्थ में उन्होंने विशेष कार्य कर लौकिकता प्राप्त की है। यह बात केंद्रीय सड़क परिवहन व महामार्ग मंत्री नितीन गड़करी ने कही। वे पंडित शंकरप्रसाद अग्रिहोत्री के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस समय शंकरप्रसाद अग्रिहोत्री को सम्मानचिह्न व मानपत्र देकर सपत्निक सत्कार किया गया । मंच पर हंसराज अहिर, अभिजीत वंजारी, शिरपुरकर, डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा, डॉ. मधुप पांडे, डॉ. गिरीश गांधी, आनंद परचुरे, शिवकुमारी अग्रिहोत्री, सचिन अग्रिहोत्री, पूजा अग्रिहोत्री, प्रेम लुनावत, सागर खादीवाला, नीलेश खांडेकर, डॉ. गजानन जंगमवार उपस्थित थे। 

धैर्य और शौर्य से होता है आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण : डॉ. मिश्रा
डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा ने कहा कि, धैर्य और शौर्य से आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण होता है। धैर्य और शौर्य इस पर विवेक का नियंत्रण होना आवश्यक है। प्रस्तावना में डॉ. गिरीश गांधी ने कहा कि, उनके तथा पंडितजी के काफी पुराने ऋणानुबंध होकर पंडितजी व उन्होंने सामाजिक राजकीय जीवन में एक होकर कार्य किए हैं। पंडितजी के सामाजिक उत्तरदायित्व की पहचान के रूप में उनके सामजिक कार्य की रसीद के रूप में उनका सत्कार करते समय अत्यधिक आनंद हो  रहा है।  मधुप पांडेय ने कविता के माध्यम से  अत्यंत सुंदर पद्धति से पंडितजी के कार्य की महत्ता विषद की। कार्यक्रम का संचालन नारायण निकम ने किया तथा आभार अजय पाटील ने माना।  इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. राजकिशोर तुगनायत, डॉ. धर्मेंद्र मुंदड़ा, डॉ. अनिल महल्ले, डॉ. चंद्रकांत कोठारे, डॉ. सुले, डॉ. ताकसांडे, प्रा. बडगइया, डॉ. मुरकुटे, डॉ. प्रिया मिश्रा, प्रा. ढोबले, अष्टपुत्रे, गजानन दांदडे, अरुण वसू, अभिजीत रघुवंशी, रवि भुगुल, अभिनव सावरकर आदि उपस्थित थे।

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