नागपुर मेयो हास्पिटल के निवासी डाक्टरों ने बैठक के बाद वापस ली हड़ताल

नागपुर मेयो हास्पिटल के निवासी डाक्टरों ने बैठक के बाद वापस ली हड़ताल

Anita Peddulwar
Update: 2021-06-05 08:25 GMT
नागपुर मेयो हास्पिटल के निवासी डाक्टरों ने बैठक के बाद वापस ली हड़ताल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेयो अस्पताल के निवासी डॉक्टरों ने चौथे दिन रात में हड़ताल वापस ले ली। मेयो प्रशासन, निवासी डॉक्टरों और पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य शिक्षा संचालक द्वारा दिए गए निर्देशानुसार सर्जिकल इमारत से कोविड मरीजों को दूसरी इमारत में स्थानांतरित करने की स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद यह प्रक्रिया प्रारंभ की गई। कोविड आईसीयू में जो मरीज हैं, उन्हें हटाना उचित नहीं है, इस बात को लेकर सहमति बनी है। अन्य मरीजों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित किया जाएगा। मेयो प्रशासन द्वारा स्थानांतरण की तैयारी शुरू करने के बाद मार्ड ने अधिष्ठाता को हड़ताल समाप्त करने का पत्र दिया है। 

प्रशासन की तैयारी देख लिया निर्णय
मेयो के अधिष्ठाता, कॉलेज काउंसिल और निवासी डॉक्टरों के बीच हुई बैठक में कोविड कॉम्प्लेक्स का आईसीयू शिफ्ट नहीं करने पर चर्चा हुई। इस बात को सभी ने मान्य किया। अन्य मरीजों को दूसरे बिल्डिंग में शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया। जिलाधिकारी को भी इसकी अनुमति दिए जाने की जानकारी निवासी डॉक्टर के एक प्रतिनिधि ने दी है। निवासी डॉक्टरों को जब तक मरीजों को शिफ्ट करने की तैयारी नहीं दिखती और उन्हें लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक हड़ताल जारी रखने की सूचना दी गई थी, लेकिन मेयो प्रशासन की तैयारी देखने के बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया।

इसलिए की गई थी हड़ताल
गौरतलब है कि 1 जून से निवासी डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। गुरुवार को इमरजेंसी सेवा भी बंद कर दी थी। दोपहर में संचालक तात्याराव लहाने ने चर्चा का आश्वासन दिया था। इसके बाद आईसीयू में सेवा देना शुरू किया था। पिछले डेढ़ साल से मेडिकल व मेयो अस्पताल के निवासी डॉक्टर कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं। अब मरीजों की संख्या घटने से निवासी डॉक्टर कोरोना मरीजों की सेवा से मुक्त होना चाहते हैं। डेढ़ साल में उनकी शिक्षा भी प्रभावित हुई है, इसलिए वे सर्जिकल इमारत से कोविड मरीजों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था, इसलिए निवासी डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए थे।
 

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